PM Modi Speech तनाव के दौर में योग ही है समाधान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी PM Modi Speech ने आज के दौर की वैश्विक अस्थिरता और तनाव पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि दुनिया को अगर कोई मार्ग शांति की ओर ले जा सकता है, तो वह है — योग। उन्होंने अपने भाषण में यह स्पष्ट किया कि भारत की यह प्राचीन परंपरा न केवल शरीर, बल्कि मन और आत्मा को भी संतुलित करती है।
यह भाषण अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर दिया गया, जो इस बार और भी ज्यादा वैश्विक सरोकारों से जुड़ा दिखाई दिया।

पीएम मोदी के भाषण की 10 बड़ी बातें
1. “आज की दुनिया कई तरह के तनाव और संघर्ष से गुजर रही है”
मोदी ने कहा कि भौगोलिक, राजनीतिक और सामाजिक अस्थिरता ने दुनिया को बेचैन कर दिया है।
2. “योग शांति की राह दिखाता है”
उन्होंने योग को शारीरिक अभ्यास से परे, एक मानवता को जोड़ने वाला दर्शन बताया।
3. “योग, भारत की विश्व को दी गई अद्भुत देन है”
प्रधानमंत्री ने गर्व से कहा कि योग अब भारत से निकलकर विश्व की साझी विरासत बन चुका है।
4. “योग से तनाव नहीं, संतुलन बढ़ता है”
उन्होंने कहा कि जो लोग योग को अपनाते हैं, वे तनाव से नहीं, स्वयं से जुड़ाव से जीवन जीते हैं।
5. “मनुष्य और प्रकृति के बीच संतुलन बनाता है योग”
योग केवल शरीर का नहीं, प्रकृति के साथ भी सामंजस्य बनाता है।
6. “किसी एक धर्म या समुदाय तक सीमित नहीं है योग”
पीएम मोदी ने दोहराया कि योग सांस्कृतिक नहीं, वैश्विक विरासत है।
7. “भारत को योग के प्रचार-प्रसार में आगे रहना चाहिए”
उन्होंने युवाओं से अपील की कि वे योग को आधुनिक जीवनशैली का हिस्सा बनाएं।
8. “योग डिजिटल डिवाइस से दूर, आत्मनिरीक्षण की ओर ले जाता है”
उन्होंने कहा कि आज की पीढ़ी डिजिटल थकान से जूझ रही है, योग उसका हल हो सकता है।

9. “मेडिटेशन और प्राणायाम से मानसिक स्वास्थ्य में सुधार”
योग के माध्यम से डिप्रेशन, चिंता और अनिद्रा जैसे मानसिक रोगों में राहत मिलती है।
10. “योग भारत की सॉफ्ट पावर है”
उन्होंने योग को भारत के वैश्विक प्रभाव और सांस्कृतिक शक्ति का माध्यम बताया।
PM Modi Speech इस बार केवल योग के फायदे तक सीमित नहीं रहा, बल्कि यह एक वैश्विक शांति और संतुलन का संदेश बन गया। पीएम मोदी ने यह स्पष्ट कर दिया कि जब दुनिया विभाजन, टकराव और तनाव के दौर से गुजर रही है, तब भारत योग के जरिए संपूर्ण मानवता को जोड़ने की भूमिका निभा सकता है।