“वसुधैव कुटुम्बकम के सजीव प्रतीक” – पीएम मोदी
Mohan Bhagwat Birthday : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरसंघचालक मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) को उनके जन्मदिन पर शुभकामनाएं दीं। उन्होंने भागवत को “वसुधैव कुटुम्बकम के साक्षात उदाहरण” बताते हुए लिखा, “हमारे लिए सौभाग्य की बात है कि उनके जैसा दूरदर्शी और प्रेरणादायी नेतृत्व हमें प्राप्त हुआ है।” पीएम ने मोहन भागवत के सामाजिक समरसता, राष्ट्रवाद और सांस्कृतिक एकता पर आधारित दृष्टिकोण की प्रशंसा की।उन्होंने कहा कि भागवत का जीवन और कार्य “सबको साथ लेकर चलने” की भावना को दर्शाता है।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत आज 75 साल के हो चुके हैं. उनके जन्मदिन पर देश तमाम नेता उन्हें बधाई दे रहे हैं. पीएम मोदी ने भागवत को बधाई देते हुए एक मैसेज लिखा है. इसके साथ ही उन्होंने एक लेख भी लिखा है. जिसमें उन्होंने लिखा है कि वे एक असाधारण व्यक्ति हैं, जिन्होंने हमेशा राष्ट्र को सर्वोपरि रखा है. पीएम ने लिखा कि मोहन जी के परिवार से पुराना संबंध रहा है।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट करते हुए लिखा कि वसुधैव कुटुम्बकम के सिद्धांत से प्रेरित होकर, मोहन भागवत जी ने अपना पूरा जीवन सामाजिक परिवर्तन और सद्भाव एवं बंधुत्व की भावना को सुदृढ़ करने के लिए समर्पित कर दिया है.” उनके 75वें जन्मदिन के मौके पर, मोहन जी और उनके प्रेरक व्यक्तित्व पर कुछ विचार लिखे. मां भारती की सेवा में उनके दीर्घायु और स्वस्थ जीवन की कामना करता हूं।
पीएम मोदी का मोहन भागवत पर लिखा लेख
पीएम मोदी ने लिखा आज 11 सितंबर है. यह दिन अलग-अलग स्मृतियों से जुड़ा है. एक स्मृति 1893 की है, जब स्वामी विवेकानंद ने शिकागो में विश्व बंधुत्व का संदेश दिया और दूसरी स्मृति है, 9/11 का आतंकी हमला, जब विश्व बंधुत्व को सबसे बड़ी चोट पहुंचाई गई. आज के दिन की एक और विशेष बात है. आज एक ऐसे व्यक्तित्व का 75वां जन्मदिन है जिन्होंने वसुधैव कुटुंबकम के मंत्र पर चलते हुए समाज को संगठित करने, समता-समरसता और बंधुत्व की भावना को सशक्त करने में अपना पूरा जीवन समर्पित किया है।

संघ परिवार में जिन्हें परम पूजनीय सरसंघचालक के रूप में श्रद्धाभाव से संबोधित किया जाता है, ऐसे आदरणीय मोहन भागवत Mohan Bhagwat जी का आज जन्मदिन है. यह एक सुखद संयोग है कि इसी साल संघ भी अपना शताब्दी वर्ष मना रहा है. मैं भागवत जी को हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं और प्रार्थना करता हूं कि ईश्वर उन्हें दीर्घायु और उत्तम स्वास्थ्य प्रदान करें।
पीएम मोदी ने याद दिलाया संघ प्रमुख से अपना पुराना संबंध
पीएम मोदी ने लिखा कि मेरा मोहन भागवत जी के परिवार से बहुत गहरा संबंध रहा है. मुझे उनके पिता, स्वर्गीय मधुकरराव भागवत जी के साथ निकटता से काम करने का सौभाग्य मिला था. मैंने अपनी पुस्तक ज्योतिपुंज में मधुकरराव जी के बारे में विस्तार से लिखा भी है. वकालत के साथ-साथ मधुकरराव जी जीवन भर राष्ट्र निर्माण के कार्य में समर्पित रहे. अपनी युवावस्था में उन्होंने लंबा समय गुजरात में बिताया और संघ कार्य की मजबूत नींव रखी।
मधुकरराव जी का राष्ट्र निर्माण के प्रति झुकाव इतना प्रबल था कि अपने पुत्र मोहनराव को भी इस महान कार्य के लिए निरंतर गढ़ते रहे. एक पारसमणि मधुकरराव ने मोहनराव के रूप में एक और पारसमणि तैयार कर दी।
संघ प्रमुख का जीवन प्रेरणा वाला- पीएम मोदी
पीएम मोदी ने लिखा भागवत जी का पूरा जीवन सतत प्रेरणा देने वाला रहा है. वे 1970 के दशक के मध्य में प्रचारक बने। सामान्य जीवन में प्रचारक शब्द सुनकर ये भ्रम हो जाता है कि कोई प्रचार करने वाला व्यक्ति होगा, लेकिन जो संघ को जानते हैं उनको पता है कि प्रचारक परंपरा संघ कार्य की विशेषता है. गत 100 वर्षों में देशभक्ति की प्रेरणा से भरे हजारों युवक-युवतियों ने अपना घर-परिवार त्याग करके पूरा जीवन संघ परिवार के माध्यम से राष्ट्र को समर्पित किया है. भागवत जी भी उस महान परंपरा की मजबूत धुरी हैं।
प्रमुख ने हर कठिन परिस्थिति को सहजता से संभाला- मोदी
भागवत जी ने उस समय प्रचारक का दायित्व संभाला, जब तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने देश पर इमरजेंसी थोप दी थी. उस दौर में प्रचारक के रूप में भागवत जी ने आपातकाल-विरोधी आंदोलन को निरंतर मजबूती दी. उन्होंने कई वर्षों तक महाराष्ट्र के ग्रामीण और पिछड़े इलाकों, विशेषकर विदर्भ में काम किया. 1990 के दशक में अखिल भारतीय शारीरिक प्रमुख के रूप में मोहन भागवत जी के कार्यों को आज भी कई स्वयंसेवक स्नेहपूर्वक याद करते हैं. इसी कालखंड में मोहन भागवत जी ने बिहार के गांवों में अपने जीवन के अमूल्य वर्ष बिताए और समाज को सशक्त करने के कार्य में समर्पित रहे।
मोहन भागवत कौन हैं?
मोहन मधुकरराव भागवत (जन्म: 11 सितम्बर 1950) भारतीय राजनैतिक कार्यकर्ता और पशु चिकित्सक हैं। वो सन् 2009 से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के छटे और वर्तमान सरसंघचालक हैं। उन्हें एक व्यावहारिक नेता के रूप में देखा जाता है। के एस सुदर्शन ने अपनी सेवानिवृत्ति पर उन्हें अपने उत्तराधिकारी के रूप में चुना था।
संघ के संचालक कौन हैं?
वर्तमान में संघ के सरसंघचालक श्री मोहन भागवत हैं।
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