जातिगत जनगणना के निर्णय का इस संगठन ने किया स्वागत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट की राजनीतिक मामलों की कमेटी (सीसीपीए) ने ऐतिहासिक फ़ैसला लेते हुए जाति जनगणना करने की मंजूरी दी। इस निर्णय का अखिल भारतीय कलवार कलाल कलार जायसवाल महासभा द्वारा स्वागत है। जाति आधारित जनगणना करने का फैसला ऐतिहासिक मील का पत्थर साबित होगा जो आने वाले समय में पिछड़ों, दलितों, आदिवासियों के प्रगति के द्वार खुलेगी| सरकारी नौकरियाँ, उच्च शिक्षण संस्थानों में विश्वविद्यालय से लेकर इंजीनियरिंग, डॉक्टर, आईएएस, आईपीएस के सर्विस में पिछड़े, दलितों, आदिवासियों के साथ जो भेदभाव हुआ है, उसे पर विराम लगेगा तथा जनसंख्या के आधार पर पूर्ण रूप से आरक्षण प्राप्त होगा।
जनगणना के मुताबिक 52% थी पिछड़ों की आबादी
सन् 1931 के जनगणना के अनुसार पिछड़ों की आबादी 52% थी। आरक्षण बहुत दिनों के बाद मात्र 27% मिला। उस समय से आज तक सरकारी नौकरियों में खास करके शिक्षा के क्षेत्र में स्वास्थ्य के क्षेत्र में प्रशासनिक अधिकारियों के क्षेत्र में कार्यपालिका एवं न्याय पालिका के क्षेत्र में संख्या नगण्य के बराबर है किंतु इस जातिगत जनगणना ऐतिहासिक फैसला साबित होगा।
शीघ्र जनगणना करने का आदेश जारी करें सरकार
केंद्र सरकार शीघ्र Census करने का आदेश जारी करें और 2027 के यूपी विधानसभा चुनाव के पूर्व जातिय Census कराकर यह साबित करें कि हम पिछड़ों, दलितों, आदिवासियों के जनसंख्या के अनुसार सभी सुविधाएं सरकारी नौकरी से लेकर के सामाजिक कार्यों तक शिक्षण संस्थानों में स्वास्थ्य संस्थानों में प्रशासनिक सेवाओं में उनकी जनसंख्या के अनुसार केन्द्र सरकार आरक्षण देगी तभी पिछड़ों, दलितों, आदिवासियों का पूर्ण विकास होगा।
यूपी चुनाव से पहले शुरू होगी जनगणना
कुछ अखबारों में छापा है कि यूपी चुनाव से पहले शुरू हो जाएगी जाति आधारित Census। यह तो हास्यपद जैसा ब्यान है, इसलिए केन्द्र सरकार को खंडन करना चाहिए और यह बताना चाहिए कि शीघ्र ही जाति आधारित Census का कार्य शुरू कर दिया जाय। देश की कई सामाजिक संगठनों ने जाति आधारित गणना कराने में संघर्ष किया है, उसी कड़ी में दो दशकों से महासभा की ओर जाति आधारित Census करायी जाय। देर से ही सही मोदी जी ने जाति जनगणना करने की मंजूरी दी, इसके लिए उनका स्वागत है। ने स्वागत किया है।
ऐतिहासिक मील का पत्थर साबित होगा मोदी का फैसला
जाति आधारित Census करने का मोदी जी का फैसला ऐतिहासिक मील का पत्थर साबित होगा। आने वाले समय में पिछड़ों, दलितों, आदिवासियों के लिए सरकारी नौकरियां विश्वविद्यालय से लेकर इंजीनियरिंग, डॉक्टर, आईएएस, आईपीएस के सर्विस में पिछड़े, दलितों, आदिवासियों के साथ जो भेदभाव हुआ है, अब नहीं होगा। सन् 1931 के Census के अनुसार पिछड़ों की आबादी 52% थी। आरक्षण बहुत दिनों के बाद मात्र 27% मिला। उसे समय भी सरकारी नौकरियों में खास करके शिक्षा के क्षेत्र में स्वास्थ्य के क्षेत्र में प्रशासनिक अधिकारियों के क्षेत्र में न्याय पालिका के क्षेत्र में संख्या नगर के बराबर है किंतु इस जातीय जनगणना का ऐतिहासिक फैसला साबित होगा।
जनगणना केंद्र सरकार का विषय
केंद्रीय मंत्री वैण्णव ने कहा कि कुछ राज्य सरकारें जैसे तेलंगाना सहित कुछ राज्यों में जाति जनगणना पर सवाल उठाते हुए कहा कि संविधान के अनुच्छेद-246 के तहत जनगणना केंद्र सरकार का विषय है। पूर्व में कांग्रेस की केंद्र सरकार ने जाति जनगणना नहीं करायी, इसीलिये तो सत्ता से बेदखल हो गई।

- ध्रुवचन्द जायसवाल राष्ट्रीय महासचिव
- अखिल भारतीय कलवार कलाल
- कलार जायसवाल महासभा
- National : पीएम मोदी ने पूर्व पीएम देवेगौड़ा को 92वें जन्मदिन पर दी बधाई
- Up : एएमयू कुलपति प्रोफेसर नईमा खातून नहीं हटेंगी : इलाहाबाद हाईकोर्ट
- Rajasthan : 13 शहरों का तापमान 43 डिग्री पार, अगले 3 दिन हीटवेव
- National : पाक को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर घेरने को तैयार भारत
- Up : हत्या कर 4 करोड़ का कॉपर लूटने वाला बदमाश मारा गया