प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी गुरुवार को बिहार पहुंचे। पटना हवाई अड्डे के नए टर्मिनल भवन का उन्होंने उद्घाटन किया। इस दौरान बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी मौजूद रहे। इसके बाद रोड-शो करके जनता को साधा। अंत में प्रदेश पार्टी कार्यालय में भाजपा के नेताओं के साथ पीएम ने बैठक की।
पटना। बिहार के दो दिवसीय दौरे पर गुरुवार को पटना पहुंचे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पार्टी के प्रदेश पदाधिकारियों, विधायकों, विधान पार्षदों एवं सांसदों से बिहार विधानसभा चुनाव जीतने की रणनीति साझा की।
अटल सभागार में की बैठक
पटना स्थित भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) प्रदेश मुख्यालय के अटल सभागार में मोदी ने कई बिंदुओं पर ध्यान आकृष्ट करते हुए कहा कि बिहार जीतने का पहला और अंतिम मंत्र बूथ जीतना है। इस दौरान उन्होंने कई सांसदों, विधायकों, विधान पार्षदों एवं पार्टी पदाधिकारियों से वन टू वन संवाद किया।
अनुषांगिक संगठनों को सुदृढ़ करने के भी मंत्र दिए
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि क्या कभी आपको नहीं लगता कि बगैर बुलाए संघ, विद्यार्थी परिषद एवं विश्व हिंदू परिषद की कार्यालय में जाएं। उन्होंने पार्टी के अनुषांगिक संगठनों को सुदृढ़ करने के भी मंत्र दिए। एक-एक बूथ जीतने के लिए कम से कम सौ वीडियो बनाने की अपील की।
जिन्होंने धैर्य खोया और पार्टी से किनारे लग गए
कहा कि धैर्य का सदैव सुफल होता है। कई उदाहरण गिनाएं, जिन्होंने धैर्य खोया और पार्टी से किनारे लग गए। स्वयं का उदाहरण देते हुए बताया कि लगभग डेढ़ दशक तक पिछली कतार में रहने के बाद आगे आए। इसी के साथ उन्होंने इंटरनेट मीडिया पर सर्वाधिक फोकस करने की सलाह दी। कहा कि पार्टी और अपने लिए उसका अधिकतम उपयोग सकारात्मक होकर करें।
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना, किसान क्रेडिट कार्ड, किसान सम्मान निधि, उज्ज्वला योजना, जनधन योजना एवं नारी वंदन योजना, प्रधानमंत्री मातृ वंदन योजना, मुद्रा योजना, स्वनिधि योजना के साथ प्रधानमंत्री की मन की बात सभी बूथों पर कार्यकर्ताओं से सुनने की अपील की।
चार पीढ़ी की तपस्या से भाजपा सबसे बड़ा दल
पीएम ने कहा कि चार पीढ़ी की तपस्या का फल है कि आज भाजपा विश्व की सबसे बड़ी पार्टी बनी है। अगर कोई विधायक 10 हजार मत से जीतता तो उसको घमंड हो जाता है कि मैं 10 हजार वोट से जीत हूं। ऐसा नहीं है। मोदी ने कहा कि पार्टी के दर्जनों ऐसे नेता थे, जिन्होंने पार्टी के लिए लंबी तपस्या की लेकिन धैर्य नहीं रखा।
निर्दलीय चुनाव लड़ने वालों को चेतावनी
उन्होंने पार्टी से बगावत कर निर्दलीय चुनाव लड़ने वालों को चेतावनी दी। लगभग डेढ़ घंटे के संवाद में मोदी ने कई बार संगठन, पार्टी एवं राष्ट्रभक्ति का पाठ भी पढ़ाया।
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