हैदराबाद। एसओटी (SOT) मेडचल ने साइबर अपराध, साइबराबाद के साथ मिलकर साइबराबाद के बाचुपल्ली में एक किराए के विला से चलाए जा रहे एक साइबर अपराध (Cybercrime) अभियान में शामिल 9 लोगों को गिरफ्तार किया। आरोपी भारतीय और अमेरिकी नागरिकों को निशाना बनाकर एक अवैध कॉल सेंटर चला रहे थे, और मुख्य रूप से पेपाल, गीक स्क्वाड और क्रेडिट कार्ड कंपनियों जैसे प्रतिष्ठित भुगतान प्लेटफार्मों और वित्तीय संस्थानों के प्रतिनिधि बनकर अपना परिचय दे रहे थे।
गिरफ्तार सभी आरोपी पश्चिम बंगाल के रहने वाले
अवैध कॉल सेंटर के मामले में गिरफ्तार आरोपियों में पश्चिम बंगाल के रहने वाले दानिश आलम, मोहम्मद साहेब अली उर्फ सोनू, मोहम्मद फहद परवेज़, मोहम्मद अमन आलम, मोहम्मद इश्तियाक अहमद, मोहम्मद मोहसिन, फरीद हुसैन, मोहम्मद शादाब आलम, मोहम्मद सोनू शामिल हैं। डीसीपी एसओटी एवं डीसीपी साइबर अपराध डी श्रीनिवास ने बताया कि कुछ आरोपी फरार हैं और पुलिस उनकी तलाश कर रही है। पकड़े गए सभी आरोपी कोलकाता, पश्चिम बंगाल के रहने वाले है। गिरफ्तार किए गए लोगों ने कबूल किया है कि उन्हें ऊँची तनख्वाह, कमीशन और मुफ़्त आवास का लालच देकर इस धंधे में फंसाया गया था।
एक विला से एक फर्जी कॉल सेंटर चलाते थे आरोपी
डीसीपी ने बताया कि आरोपी बचुपल्ली के एक विला से एक फर्जी कॉल सेंटर चलाते थे। उन्हें भारत और अमेरिका में पीड़ितों से ज़ोइपर, एक्स-लाइट और माइक्रोसॉफ्ट टीम्स जैसे ऐप्स का इस्तेमाल करके इनबाउंड वीओआईपी कॉल आते थे, जो दूसरी टीमों द्वारा भेजे गए फ़िशिंग ईमेल के ज़रिए ट्रिगर होते थे।पीड़ितों को यह विश्वास दिलाया जाता था कि उनसे धोखाधड़ी वाले लेनदेन के लिए गलत तरीके से पैसे वसूले गए हैं। उन्हें सहायता के लिए कॉल करने हेतु डाक द्वारा एक नंबर दिया जाता था। कॉल आने पर, आरोपी पहले से लिखी स्क्रिप्ट का इस्तेमाल करके अंग्रेज़ी में बात करते थे और पीड़ितों का विश्वास जीत लेते थे।
पीड़ितों को नशीली दवाओं की तस्करी आदि की दी जाती थी धमकी
पीड़ितों को नशीली दवाओं की तस्करी, नग्न तस्वीरों के लीक होने और मानव तस्करी जैसे आपराधिक मामलों के झूठे दावों की धमकी दी जाती थी, खासकर अगर वे व्यक्तिगत जानकारी साझा करने से इनकार करते थे।वरिष्ठ नागरिकों और महिलाओं को विशेष रूप से निशाना बनाया जाता था, अक्सर धमकी देकर पैसे ऐंठने के लिए कानून प्रवर्तन या न्यायिक अधिकारियों का रूप धारण करते थे। गिरोह ने अपनी धोखाधड़ी को अंजाम देने के लिए नकली बैंकिंग ऐप, नकली ईमेल और सोशल इंजीनियरिंग तकनीकों का भी इस्तेमाल किया। आरोपियों के पास से 22 मोबाइल फ़ोन, 10 लैपटॉप, हेडसेट जैसे कुछ और सामान, वीओआईपी कॉल सेटअप बरामद हुआ है।
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