बड़ी खबर दिल्ली की सियासी गलियारों से, जहां वोट चोरी (Vote Chori) के मुद्दे पर कांग्रेस और बीजेपी में तीखी जंग छिड़ गई है। कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ने हाल ही में चुनाव आयोग पर बीजेपी के साथ मिलकर वोट चोरी का आरोप लगाया था, लेकिन अब बीजेपी ने पलटवार करते हुए कांग्रेस को ही कटघरे में खड़ा कर दिया। बीजेपी ने पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के नाम से जुड़े 45 साल पुराने दस्तावेज सामने लाकर सनसनी फैला दी है।
बीजेपी आईटी सेल का दावा
बीजेपी के आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय और पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने दावा किया कि 1980 में सोनिया गांधी का नाम दिल्ली के मतदाता सूची में शामिल था, जबकि वह तब भारतीय नागरिक नहीं थीं। मालवीय ने 1980 के मतदाता सूची का एक दस्तावेज X पर साझा करते हुए इसे “खुला चुनावी उल्लंघन” बताया। उनका कहना है कि सोनिया का नाम 1980 और 1983 में गैर-नागरिक के तौर पर मतदाता सूची में था, जो कानून का उल्लंघन है। बीजेपी ने राहुल गांधी पर भी निशाना साधा, कहकर कि उनकी “अवैध मतदाताओं को वैध करने की सनक” इसी इतिहास से प्रेरित है।
ध्यान भटकाने की कोशिश
दूसरी ओर, कांग्रेस ने इन आरोपों को खारिज करते हुए इसे ध्यान भटकाने की कोशिश बताया। कांग्रेस सांसद तारिक अनवर ने कहा कि मतदाता सूची में नाम जोड़ने की जिम्मेदारी चुनाव आयोग की थी, न कि सोनिया गांधी की। इस सियासी घमासान ने बिहार में चल रहे विशेष मतदाता सूची संशोधन (SIR) को भी गरमा दिया है, जहां विपक्ष इसे बीजेपी की साजिश बता रहा है। क्या यह पुराने दस्तावेज कांग्रेस को भारी पड़ेंगे, या बीजेपी का यह दांव उल्टा पड़ेगा? सियासत का यह रण अब और तेज होने वाला है। अधिक अपडेट के लिए बने रहें।
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