पहले पीएम और अब शाह के दौरे में भी नहीं दिखे दिलीप घोष
कोलकाता। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह बंगाल के दौरे पर हैं। जहां उन्होंने भाजपा नेताओं के साथ संगठनात्मक बैठक भी की, लेकिन वरिष्ठ भाजपा नेता दिलीप घोष इस बैठक से नदारद रहे। बता दें कि एक सप्ताह से भी कम समय में यह दूसरी बार था जब पूर्व सांसद दिलीप घोष किसी शीर्ष नेता के कार्यक्रम से अनुपस्थित रहे। इससे पहले 29 मई को उत्तरी पश्चिम बंगाल के अलीपुरद्वार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जनसभा में भी वह शामिल नहीं हुए थे। दिलीप घोष के इस तरह से भाजपा के बड़े नेताओं के कार्यक्रमों से दूरी बनाने से कई सवाल खड़े हो रहे हैं।
ससुराल गए थे दिलीप
रविवार को घोष अपनी पत्नी रिंकू मजूमदार के साथ अपने ससुराल गए थे। वहां जब पत्रकारों ने आज की बैठक में शामिल न होने को लेकर उनसे सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि हर बैठक में मुझे आमंत्रित करना अनिवार्य या आवश्यक नहीं है। हो सकता है कि मुझे कुछ बैठकों में आमंत्रित किया जाए और कुछ में नहीं। वहीं, पार्टी के प्रमुख कार्यक्रमों में घोष की अनुपस्थिति के बारे में पूछे जाने पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने कहा कि दिलीप दा एक वरिष्ठ नेता हैं। मैं वास्तव में उनकी अनुपस्थिति पर टिप्पणी नहीं कर सकता।
सभी को घोष ने किया खारिज
बता दें कि घोष ने पूर्व मेदिनीपुर के दीघा में नवनिर्मित जगन्नाथ मंदिर के उद्घाटन के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात की थी। इसे लेकर काफी विवाद हुआ था। तब कई भाजपा नेताओं ने उन पर टीएमसी सुप्रीमो के साथ नजदीकी बढ़ाने और पार्टी कार्यकर्ताओं की भावनाओं के साथ विश्वासघात करने का आरोप लगाया था। हालांकि उन्होंने कहा था कि उन्हें पूजा स्थल पर जाने का पूरा अधिकार है और कोई भी भाजपा के वफादार के रूप में उनकी ईमानदारी और साख पर सवाल नहीं उठा सकता। हालांकि विवाद थमा नहीं और उन्हें पार्टी के किसी भी कार्यक्रम में आमंत्रित नहीं किया गया।
घोष ने कहा था – शाह के कार्यक्रम में नहीं बुलाया गया
इससे पहले घोष ने शनिवार को कहा था कि मुझे 1 जून को अमित शाह के कार्यक्रम में नहीं बुलाया गया है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। मैं पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ काम करूंगा। 29 मई को पीएम मोदी की जनसभा से पहले भी घोष ने कहा था कि उन्हें राज्य भाजपा नेतृत्व ने आमंत्रित नहीं किया।