17 जुलाई को रेल रोको की चेतावनी : कविता
हैदराबाद। तेलंगाना जागृति (Telangana Awakening) की अध्यक्ष और बीआरएस एमएलसी के कविता ने मंगलवार को कहा कि तेलंगाना में कांग्रेस सरकार द्वारा की गई जाति जनगणना एक “भ्रष्ट कांग्रेस मॉडल” है। उन्होंने कहा कि डेटा में बहुत खामियां हैं और इसलिए कांग्रेस इसे जारी करने में हिचकिचा रही है। नई दिल्ली में कॉन्स्टिट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कविता ने कहा कि रेवंत रेड्डी सरकार (Revanth Reddy Government) के तहत की गई जनगणना में बीआरएस शासन के तहत की गई गणना की तुलना में ओबीसी संख्या में छह प्रतिशत का अंतर दिखाया गया है। इसी तरह, उन्होंने एससी और एसटी आबादी में सिर्फ एक प्रतिशत की वृद्धि की ओर इशारा किया। उन्होंने मुझे याद दिलाया कि हालांकि तत्कालीन यूपीए सरकार ने 2011 में जाति जनगणना की थी, लेकिन डेटा जारी नहीं किया गया था।
तेलंगाना के लोगों का अपमान नहीं करना चाहिए
उन्होंने कहा, ”राहुल गांधी को इस हेरफेर किए गए डेटा को तेलंगाना मॉडल बताकर तेलंगाना के लोगों का अपमान नहीं करना चाहिए।” उन्होंने कहा कि इसके बजाय, राहुल गांधी को मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी को संविधान की धारा 243 (डी) के तहत आदेश जारी करने का निर्देश देना चाहिए , जिससे स्थानीय निकाय चुनावों में 42 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण संभव हो सके। उन्होंने कांग्रेस सरकार से गुरुवार को होने वाली कैबिनेट बैठक में इसे मंजूरी देने और बीसी आरक्षण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता साबित करने की मांग की। बीआरएस एमएलसी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से तेलंगाना विधानमंडल द्वारा पारित बीसी आरक्षण विधेयक को अपनी मंजूरी देने की भी अपील की। उन्होंने कहा, ‘सभी दलों ने विधेयक का समर्थन किया। यह अब राष्ट्रपति के पास लंबित है। हम उनसे इसे जल्द से जल्द मंजूरी देने का आग्रह करते हैं।‘
भाजपा ने ओबीसी मुख्यमंत्री का किया था वादा
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी अनुरोध किया, उन्हें उनकी ओबीसी पृष्ठभूमि की याद दिलाई और उनसे उनके पक्ष में काम करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, ‘भाजपा ने ओबीसी मुख्यमंत्री का वादा किया था। अब, उनके पास तेलंगाना में ओबीसी आरक्षण सुनिश्चित करके अपनी प्रतिबद्धता साबित करने का मौका है।’ उन्होंने कहा कि बीसी आरक्षण के लिए संवैधानिक प्रावधान ही उनके सशक्तिकरण का एकमात्र समाधान है। तेलंगाना जागृति द्वारा विभिन्न पिछड़ा वर्ग संगठनों और राजनीतिक दलों के सहयोग से 17 जुलाई को आयोजित किए जाने वाले रेल रोको विरोध प्रदर्शन को एक ट्रेलर बताते हुए कविता ने कहा कि जब तक पिछड़ा वर्ग आरक्षण नहीं दिया जाता, तब तक डेक्कन क्षेत्र से किसी भी ट्रेन को दिल्ली पहुंचने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
भारत राष्ट्र समिति क्या है?
भारत राष्ट्र समिति (Bharat Rashtra Samithi – BRS) एक भारतीय राजनीतिक पार्टी है, जिसे पहले तेलंगाना राष्ट्र समिति (Telangana Rashtra Samithi – TRS) के नाम से जाना जाता था। इस पार्टी का गठन और विकास मुख्य रूप से तेलंगाना राज्य के गठन की मांग के इर्द-गिर्द हुआ था।
तेलंगाना में कितने प्रतिशत हिंदू हैं?
यहां हिंदू धर्म मानने वालों की संख्या कुल जनसंख्या का एक बड़ा हिस्सा है।
- तेलंगाना में हिंदुओं की जनसंख्या (2021 अनुमान के अनुसार):
- हिंदू जनसंख्या प्रतिशत: लगभग 85%
- बाकी की जनसंख्या में:
- मुस्लिम: लगभग 12–13%
- ईसाई, सिख, जैन आदि: 2% से कम
- तेलंगाना को 2014 में आंध्र प्रदेश से अलग किया गया था, इसलिए 2011 की जनगणना में यह आँकड़े संयुक्त आंध्र प्रदेश के तहत थे। 2021 की जनगणना अब तक आधिकारिक रूप से प्रकाशित नहीं हुई है, लेकिन अनुमानों और राज्य सरकार के आंकड़ों के आधार पर यह प्रतिशत माने जाते हैं।
तेलंगाना के मुख्यमंत्री की जाति क्या है?
वर्तमान में तेलंगाना के मुख्यमंत्री हैं अन्ुमुला रेवन्थ रेड्डी (Anumula Revanth Reddy), जिन्होंने 7 दिसंबर 2023 को पद ग्रहण किया। वे रेड्डी जाति से आते हैं, जो कि हिन्दू समुदाय के अंतर्गत एक अग्रणी (फ़ॉर्वर्ड) जमात मानी जाती है । यह समुदाय ऐतिहासिक रूप से दक्षिण भारत में जमीनदारों और राजनीतिक रूप से प्रभावशाली समूहों में से एक रहा है।
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