शिकायत दर्ज कराकर बीआरएस ने की कार्रवाई की मांग
हैदराबाद। पूर्व मंत्री और वरिष्ठ विधायक गंगुला कमलाकर (Gangula Kamlakar) ने बुधवार को नागरिक आपूर्ति विभाग में हुए 1,000 करोड़ रुपये के घोटाले में कांग्रेस सरकार की निष्क्रियता पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि बीआरएस सोमवार को प्रवर्तन निदेशालय और अन्य जाँच एजेंसियों से शिकायत (Complaint) दर्ज कराकर कार्रवाई की माँग करेगी। तेलंगाना भवन में बोलते हुए , उन्होंने आरोप लगाया कि 35 लाख मीट्रिक टन धान 7,600 करोड़ रुपये में बेचने के लिए निविदाएँ जारी की गईं, लेकिन 90 दिन की समय सीमा बीत जाने के बावजूद प्रक्रिया अधूरी रही।
बोलीदाताओं ने लगाई 2,007 रुपये प्रति क्विंटल की बोली
उन्होंने कहा कि बोलीदाताओं ने 2,007 रुपये प्रति क्विंटल की बोली लगाई, लेकिन मिल मालिकों से 2,230 रुपये वसूले, लगभग 1,000 करोड़ रुपये की हेराफेरी की और इसमें सरकार के शीर्ष नेताओं और अधिकारियों की संलिप्तता रही। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार उल्लंघनकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई करने में विफल रही और इसके बजाय जमा राशि वापस करने की कोशिश कर रही है। बीआरएस नेता ने बार-बार उल्लंघन के बाद भी निविदाएं रद्द न करने तथा चूककर्ताओं को दंडित करने के बजाय उन्हें धन वापस करने का प्रयास करने के लिए सरकार की आलोचना की।
भाजपा नेताओं की चुप्पी पर सवाल
उन्होंने कहा, ‘हमने विभिन्न एजेंसियों से संपर्क किया, विधानसभा में यह मुद्दा उठाया, और यहाँ तक कि उच्च न्यायालय का भी रुख किया, जिसने सरकार को 15 बार जवाबी हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया। लेकिन पूरी तरह से चुप्पी है।’ उन्होंने आगे कहा कि सरकार जानबूझकर जवाबी हलफनामे में देरी कर रही है। कमलाकर ने केंद्रीय मंत्री बंडी संजय और जी किशन रेड्डी समेत भाजपा नेताओं की चुप्पी पर भी सवाल उठाया। उन्होंने सबसे बड़े घोटालों में से एक में कांग्रेस-भाजपा की मिलीभगत का संदेह जताया।
पूर्व विधायक पेड्डी सुदर्शन रेड्डी ने कहा कि बोलीदाताओं और मिल मालिकों के बीच 410 करोड़ रुपये के वित्तीय लेन-देन के दस्तावेज मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि बीआरएस के पास सभी सबूत मौजूद हैं जो अदालत में पेश किए गए हैं। उन्होंने पूछा, ‘यदि सरकार साफ-सुथरी है, तो अदालती आदेशों से क्यों बच रही है?’
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