कांग्रेस की विफलताओं को छिपाने का बताया प्रयास
हैदराबाद। कृष्णा नदी पर मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी (Chief Minister A. Revanth Reddy) की हालिया पावर प्वाइंट प्रस्तुति को ‘कवर प्वाइंट प्रस्तुति’ करार देते हुए , बीआरएस नेता टी. हरीश राव (T. Harish Rao) ने कहा कि इस पहल का उद्देश्य कांग्रेस पार्टी के विश्वासघात के 50 साल के इतिहास को ढंकना है। पी.सी. घोष आयोग से मुलाकात के बाद मीडियाकर्मियों से बात करते हुए उन्होंने राज्य की सभी बुराइयों के लिए सीधे तौर पर कांग्रेस पार्टी को जिम्मेदार ठहराया और तेलंगाना के आंध्र में विलय तथा अपर्याप्त जल आवंटन के लिए उसे दोषी ठहराया।
उन्होंने मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी की आलोचना की कि उन्होंने जनता को गुमराह करने के लिए झूठे दावे किए कि बीआरएस आंध्र प्रदेश के साथ ‘स्थायी 299:512 जल-बंटवारा समझौते’ पर सहमत हो गया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि दोनों राज्यों द्वारा वर्तमान जल उपयोग एक तदर्थ समझौते पर आधारित है और कृष्णा नदी प्रबंधन बोर्ड (केआरएमबी) द्वारा प्रतिवर्ष तय किया जाता है। जल आवंटन एक न्यायाधिकरण द्वारा स्थायी आधार पर किया जाना था।
‘इस विषय पर उनकी अज्ञानता और अहंकार’ की आती है बू
हरीश राव ने रेवंत रेड्डी पर अस्थायी जल उपयोग और स्थायी आवंटन के बीच स्पष्टता का अभाव होने का आरोप लगाया। मुख्यमंत्री के इस दावे से ‘इस विषय पर उनकी अज्ञानता और अहंकार’ की बू आती है। उन्होंने आरोप लगाया कि रेवंत रेड्डी, उत्तम कुमार रेड्डी और अन्य कांग्रेस नेताओं ने संयुक्त आंध्र प्रदेश के कार्यकाल के दौरान कृष्णा नदी के 299 टीएमसी जल के अनुचित आवंटन पर सहमति जताकर तेलंगाना को अतीत में निराश किया था।
उन्होंने बताया कि किरण कुमार रेड्डी समेत कांग्रेस नेताओं ने राज्य विधानसभा में और न्यायमूर्ति श्रीकृष्ण समिति को सौंपी गई रिपोर्टों में इस आवंटन का दस्तावेजीकरण किया था, जिसमें गोदावरी नदी से 968 टीएमसी पानी आवंटित किया गया था। हरीश राव ने सवाल उठाया कि गोदावरी नदी के आवंटन का बखान करने वाले रेवंत रेड्डी, कृष्णा नदी से मात्र 299 टीएमसी पानी आवंटित करके राज्य के साथ हुए अन्याय पर चुप क्यों रहे।
केंद्रीय नेताओं से मिलकर इस मुद्दे को अथक रूप से उठाया था
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यदि कोई स्थायी समझौता होता तो उन्हें तेलंगाना के उचित हिस्से के लिए लड़ाई नहीं लड़नी पड़ती और पूर्व मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव को आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम की धारा 3 के तहत अपने उचित हिस्से के लिए प्रयास करने की जरूरत नहीं पड़ती। बीआरएस नेतृत्व ने उमा भारती, नितिन गडकरी और प्रधानमंत्री जैसे केंद्रीय नेताओं से मिलकर इस मुद्दे को अथक रूप से उठाया था। बीआरएस शासन के दौरान, निष्पक्ष जल वितरण के लिए एक न्यायाधिकरण की स्थापना हेतु सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया गया था। उन्होंने कहा कि तेलंगाना वर्तमान में कृष्णा नदी के 763 टीएमसी जल के लिए संघर्ष कर रहा है, और रेवंत रेड्डी से आग्रह किया कि वे झूठे दावे करने के बजाय इस पर ध्यान केंद्रित करें।

केसीआर और हरीश राव के बीच क्या संबंध है?
के सी आर (K. Chandrashekar Rao) और हरीश राव के बीच रिश्ता चाचा–भतीजे का है। हरीश राव, जो छह‑बार के विधायक एवं कैबिनेट मंत्री हैं, के सी आर के छोटे भाई के पुत्र हैं।
हरीश रावत कितनी बार मुख्यमंत्री बने थे?
Harish Rawat हरीश रावत तीन बार मुख्यमंत्री बने:
- पहली बार: 1 फरवरी 2014 से 27 मार्च 2016 तक
- दूसरी बार: 21 अप्रैल 2016 से 22 अप्रैल 2016 (संक्षिप्त अवधि में पुन: नियुक्ति)
- तीसरी बार: 11 मई 2016 से 18 मार्च 2017 तक सेवा दी
हरीश राव की बेटी कौन है?
राव की एक बेटी हैं वैष्णवी राव (Vaishnavi Rao)। उन्होंने अपने भाई आर्चिष्मन के साथ अपनी पारिवारिक जीवन में हिस्सा लिया है।
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