‘साजिशों’ से लड़ने की खाई कसम
हैदराबाद। तेलंगाना के भाजपा (BJP) सांसद एटाला राजेंद्र और बंडी संजय (Bandi Sanjay) के बीच अंदरूनी कलह खुलकर सामने आ गई है। मलकाजगिरी से सांसद राजेंद्र ने कहा है कि वह सड़क पर झगड़े की बजाय सीधी राजनीतिक लड़ाई लड़ना पसंद करेंगे। उन्होंने कहा कि उनके और उनके समर्थकों के खिलाफ रची जा रही सभी साजिशों को नाकाम कर दिया जाएगा। राजेंद्र ने शनिवार को शमीरपेट में एक बैठक में अपने समर्थकों से कहा कि मैं हुज़ूराबाद आऊँगा और यह सुनिश्चित करूँगा कि हमारे सभी नेताओं को स्थानीय निकाय चुनाव लड़ने के लिए टिकट मिले। हमें कोई नहीं रोक सकता। दोनों सांसदों (जो कि पिछड़ी जाति समुदाय से हैं) के बीच मतभेद कई सप्ताह से चल रहा है, तथा राजेंद्र के समर्थकों का आरोप है कि पार्टी में उन्हें दरकिनार किया जा रहा है।
भाजपा में समूह की राजनीति बर्दाश्त नहीं की जाएगी
करीमनगर के सांसद और केंद्रीय राज्य मंत्री बंदी संजय द्वारा शुक्रवार को हुजुराबाद में पार्टी कार्यकर्ताओं की बैठक के दौरान यह घोषणा करने के बाद तनाव बढ़ गया कि भाजपा में समूह की राजनीति बर्दाश्त नहीं की जाएगी। संजय ने कहा था कि किसी व्यक्ति के लिए काम करने वाले किसी भी नेता या कार्यकर्ता को पार्टी में प्रोत्साहित नहीं किया जाएगा। राजेंद्र ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए संजय पर परोक्ष हमला बोला और उन्हें अपने तौर-तरीके सुधारने की चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया का इस्तेमाल मुझे बदनाम करने और हुज़ूराबाद के कार्यकर्ताओं को भड़काने के लिए किया जा रहा है। इन सभी घटिया हथकंडों का पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व के सामने पर्दाफाश किया जाएगा।
अपने त्याग, साहस और दृढ़ संकल्प के लिए जाना जाता है हुज़ूराबाद
राजेंद्र ने ज़ोर देकर कहा कि पूर्ववर्ती करीमनगर के लोग उनकी राजनीतिक ताकत और प्रतिबद्धता से अच्छी तरह वाकिफ़ हैं। उन्होंने कहा कि हुज़ूराबाद अपने त्याग, साहस और दृढ़ संकल्प के लिए जाना जाता है। उन्होंने इस बात पर भी ज़ोर दिया कि मज़बूत व्यक्तिगत नेताओं के उभरने के बिना कोई भी पार्टी फल-फूल नहीं सकती। उन्होंने याद दिलाते हुए कहा कि मैं हुज़ूराबाद में हमारे नेताओं की मुश्किलों से वाकिफ़ हूँ। क्या हुज़ूराबाद में पहले भाजपा का कोई कार्यकर्ता था? मेरे पार्टी में शामिल होने के बाद ही भाजपा को करीमनगर में 50,000 वोटों का बहुमत मिला था। अपने समर्थकों से हिम्मत न हारने की अपील करते हुए राजेंद्र ने कहा कि उन्हें किसी की दया पर जीने की ज़रूरत नहीं है।

उन्होंने कहा कि छिपे हुए लोग सिर्फ़ राजनीति में ही नहीं, हर क्षेत्र में हैं। बस उन्हें नज़रअंदाज़ कर दीजिए। पूर्व मुख्यमंत्रियों समेत कई कद्दावर नेताओं के साथ अपनी राजनीतिक लड़ाइयों को याद करते हुए राजेंद्र ने कहा कि हम योद्धाओं से लड़ेंगे, षड्यंत्रकारियों से नहीं। समय ने राजनीति में हमारे उत्थान को देखा है, और किसी को भी लोगों और उनकी बुद्धिमत्ता को कम नहीं आंकना चाहिए।
बंदी संजय कुमार का पदनाम क्या है?
कुमार भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता हैं और वर्तमान में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री हैं। इससे पहले वे भाजपा तेलंगाना इकाई के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। वे करीमनगर से लोकसभा सांसद हैं और तेलंगाना की राजनीति में एक प्रभावशाली चेहरा माने जाते हैं।
संजय कुमार को पदावनत क्यों किया गया?
कुमार को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाकर केंद्रीय भूमिका दी गई थी। यह निर्णय पार्टी के आंतरिक संगठनात्मक बदलाव और आगामी चुनावी रणनीति के तहत लिया गया था। कुछ मतभेद और क्षेत्रीय संतुलन को साधने की कोशिशों के चलते यह कदम उठाया गया।
संजय कुमार क्षत्रिय कौन थे?
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