हरीश राव ने बीआरएस कार्यकर्ताओं से अभियान तेज करने को कहा
सिद्दीपेट। पूर्व मंत्री टी हरीश राव (T. Harish Rao) ने बीआरएस (BRS) कार्यकर्ताओं से सामूहिक रूप से काम करने और अपने अभियान को तेज करने का आग्रह किया, क्योंकि सर्वेक्षणों से संकेत मिल रहे हैं कि पार्टी 31 जिला परिषदों में से 18 में जीत हासिल कर सकती है। सोमवार को गजवेल में पार्टी कैडर की एक विस्तारित बैठक को संबोधित करते हुए हरीश राव ने कहा कि सिद्दीपेट जिले के 26 मंडलों में व्यापक रूप से काम करके जेडपीटीसी और एमपीपी की अधिकांश सीटें जीतने पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए।
कांग्रेस सरकार की विफलताओं को जनता तक ले जाएं
उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से कांग्रेस सरकार की विफलताओं को जनता तक ले जाने का आह्वान किया। कांग्रेस पर झूठा प्रचार करने का आरोप लगाते हुए हरीश राव ने कहा कि मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी 60,000 पदों को भरने का दावा कर रहे हैं, जबकि अभी तक केवल 12,000 भर्तियां ही हुई हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार अपने चुनाव पूर्व वादों को पूरा करने में विफल रही है, जिसमें एक वर्ष में दो लाख नौकरियां देने का आश्वासन भी शामिल है। उन्होंने याद दिलाया कि के. चंद्रशेखर राव के नेतृत्व वाली बीआरएस सरकार ने विभिन्न सरकारी विभागों में 1.68 लाख लोगों की भर्ती की थी।
यूरिया, ऋण माफी, रैतु भरोसा भुगतान या अन्य लाभों का समय पर वितरण सुनिश्चित नहीं किया
उन्होंने कहा कि कांग्रेस यूरिया, ऋण माफी, रैतु भरोसा भुगतान या अन्य लाभों का समय पर वितरण सुनिश्चित न करके किसानों का समर्थन करने में विफल रही है। पूर्व मंत्री ने रेवंत रेड्डी के नेतृत्व वाली सरकार पर उत्तम चावल के बोनस के भुगतान में देरी करने का भी आरोप लगाया, जिसका 1,200 करोड़ रुपये अभी भी बकाया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने ग्राम पंचायतों को कोई अनुदान भी जारी नहीं किया है। हरीश राव ने आगे कहा कि कांग्रेस पेंशन बढ़ाने में नाकाम रही है और हर महिला को दिए जाने वाले 2,500 रुपये के लाभ से भी इनकार कर दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार जानबूझकर सिद्दीपेट ज़िले को धन देने से इनकार कर रही है।

तेलंगाना में किसकी सरकार है?
2024 में तेलंगाना में कांग्रेस पार्टी की सरकार है। मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी हैं, जिन्होंने 2023 विधानसभा चुनावों में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का नेतृत्व किया। बीआरएस (पूर्व में टीआरएस) को हराकर कांग्रेस ने सत्ता प्राप्त की और वर्तमान में बहुमत के साथ शासन कर रही है।
तेलंगाना में कितने हिंदू हैं?
2021 तक के अनुमान के अनुसार, तेलंगाना की कुल आबादी में लगभग 85% लोग हिंदू धर्म को मानते हैं। मुस्लिम जनसंख्या लगभग 13% और अन्य धर्मों के अनुयायी 2% के आसपास हैं। यह आंकड़े जनगणना 2011 और ताज़ा अनुमान पर आधारित हैं।
तेलंगाना का दूसरा नाम क्या है?
इसका ऐतिहासिक रूप से कोई “दूसरा आधिकारिक नाम” नहीं है, लेकिन इसे कभी-कभी “तेलंगणा क्षेत्र” या “तेलुगु भाषियों की भूमि” भी कहा जाता है। यह नाम आंध्र प्रदेश से अलग होकर 2014 में एक स्वतंत्र राज्य बनने के बाद प्रमुखता से उभरा।
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