शर्मिष्ठा की गिरफ्तारी फ्रीडम ऑफ स्पीच के खिलाफ शर्मनाक कदम : डच
कोलकाता पुलिस द्वारा कथित सांप्रदायिक भाषा वाले सोशल मीडिया वीडियो के चलते गिरफ्तार की गई 22 वर्षीय सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर और लॉ स्टूडेंट शर्मिष्ठा पनौली (Sharmistha Panoli) के समर्थन में डच सांसद ने आवाज उठाई है। डच सांसद के भारत के आंतरिक मामले को इंटरनेशनल मंच पर ले जाने को लेकर भारत सरकार की प्रतिक्रिया अभी आनी बाकी है। नीदरलैंड्स के सांसद और पार्टी फॉर फ्रीडम के नेता Geert Wilders ने X पर पोस्ट कर शर्मिष्ठा की गिरफ्तारी को फ्रीडम ऑफ स्पीच के खिलाफ शर्मनाक कदम बताया। वाइल्डर्स ने पीएम नरेंद्र मोदी से अपील की कि वे उन्हें जल्द रिहा कराएं। कोलकाता पुलिस द्वारा सांप्रदायिक रूप से आरोपित सोशल मीडिया पोस्ट के लिए गिरफ्तार की गई 22 वर्षीय प्रभावशाली शर्मिष्ठा पनोली को लगभग 7,000 किलोमीटर दूर से समर्थन मिला है।

डच : सच बोलने के लिए उसे दंडित न करें…
डच संसद के सदस्य और दक्षिणपंथी पार्टी फॉर फ्रीडम के नेता गीर्ट वाइल्डर्स ने शर्मिष्ठा की गिरफ्तारी की निंदा करते हुए कहा कि यह ‘अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए अपमान’ है। वाइल्डर्स ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से शर्मिष्ठा को रिहा करने का आग्रह किया है। वाइल्डर्स ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, ‘बहादुर शर्मिष्ठा पनोली को रिहा करो! यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए अपमान की बात है। पाकिस्तान और मुहम्मद के बारे में सच बोलने के लिए उसे दंडित न करें। उसकी मदद करें @narendramodi।’ पोस्ट के साथ फोटो में लिखा है, ‘सभी की निगाहें शर्मिष्ठा पर हैं।’
शर्मिष्ठा की गिरफ्तारी ने राजनीतिक विवाद को दिया जन्म
कोलकाता पुलिस ने कल 22 वर्षीय लॉ छात्रा शर्मिष्ठा पनोली को सोशल मीडिया वीडियो के लिए गिरफ्तार किया, जिसमें उसने अपमानजनक और सांप्रदायिक भाषा का इस्तेमाल किया था। वीडियो में उसने बॉलीवुड अभिनेताओं को निशाना बनाया था, जो पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत के जवाबी हमले ऑपरेशन सिंदूर के दौरान चुप थे। इस हमले में 26 निर्दोष लोग मारे गए थे। शर्मिष्ठा पनोली की गिरफ्तारी ने राजनीतिक विवाद को जन्म दे दिया है, जिसमें भाजपा और उसके सहयोगी बंगाल में ममता बनर्जी सरकार पर निशाना साध रहे हैं। कोलकाता में एक शिकायत के बाद शर्मिष्ठा पनोली के खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर में भारतीय न्याय संहिता की धाराओं को धर्म के आधार पर दुश्मनी को बढ़ावा देने, धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने और शांति भंग करने से जोड़ा गया है। उसे अदालत में पेश किया गया और 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
BJP बनाम TMC: राजनीति में गर्मी
इस गिरफ्तारी को लेकर पश्चिम बंगाल में BJP और TMC के बीच राजनीतिक टकराव तेज हो गया है। जन कल्याण सेना के नेता पवन कल्याण ने सवाल किया कि जब TMC सांसद सनातन धर्म को ‘गंदा धर्म’ कहते हैं, तब कोई गिरफ्तारी क्यों नहीं होती? क्या सेक्युलरिज़्म एकतरफा ढाल है? उन्होंने ममता बनर्जी के एक वीडियो को शेयर करते हुए लिखा-ईशनिंदा की हमेशा निंदा की जानी चाहिए! धर्मनिरपेक्षता कुछ लोगों के लिए ढाल और दूसरों के लिए तलवार नहीं है।
ममता बनर्जी का पलटवार
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने BJP पर हमला बोलते हुए कहा कि वे बंगाल में दंगे भड़काने की साजिश कर रहे हैं। उन्होंने BJP की विचारधारा को गंदा धर्म कहकर आलोचना की और आरोप लगाया कि ये हिंदू धर्म के मूल मूल्यों के खिलाफ है।