NDA या INDIA? AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने बताया किसे देंगे समर्थन
Vice Presidential : असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने आज एक्स हैंडल पर पोस्ट करके लिखा, ‘तेलंगाना के सीएम रेवंथ रेड्डी ने आज मुझसे बात की और रिक्वेस्ट किया कि हम जस्टिस सुदर्शन रेड्डी को उपराष्ट्रपति पद के चुनाव में सपोर्ट करें। सीएम की अपील पर हमारी पार्टी ने फैसला किया है कि हम इस चुनाव में जस्टिस रेड्डी को सपोर्ट करेंगे।’ ओवैसी ने आगे लिखा, ‘जस्टिस सुदर्शन रेड्डी हैदराबाद के रहने वाले हैं और एक सम्मानित न्यायविद हैं। मैंने जस्टिस रेड्डी से बात करके अपनी पार्टी की ओर से पूरा समर्थन जाहिर किया है और उन्हें जीत की शुभकामनाएं दी हैं।’
नौ सितंबर को होगी उपराष्ट्रपति पद के लिए वोटिंग
बता दें कि पूर्व उपराष्ट्रपति (Vice Presidential) जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफा देने के बाद नौ सितंबर को नए उपराष्ट्रपति के पद के लिए मतदान होगा। देश के अगले उपराष्ट्रपति के लिए चुनाव होने से पहले केंद्र में सत्तारूढ़ एनडीए और इंडिया गठबंधन दोनों अपनी-अपनी जीत का दावा कर रहे हैं। गुरुवार को इंडिया गठबंधन के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार सुदर्शन रेड्डी ने एक बार फिर बड़ा दावा किया और कहा कि उन्हें इंडिया गठबंधन के बाहर के दलों का भी समर्थन प्राप्त है। उन्होंने यह भी कहा है कि आगामी चुनाव इतिहास का सबसे निष्पक्ष चुनाव होगा।
कौन कौन करेगा वोटिंग, कब आएगा रिजल्ट
बता दें कि देश में उपराष्ट्रपति चुनाव में लोकसभा और राज्यसभा के सभी सदस्य मतदान करते हैं और इनमें मनोनीत सदस्य भी शामिल होते हैं। फिलहाल दोनों सदनों में प्रभावी संख्या 781 है और उपराष्ट्रपति पद को हासिल करने के लिए उम्मीदवार को 391 वोट चाहिए होंगे। मौजूदा समीकरणों की बात की जाए तो एनडीए के पक्ष में लगभग 422 सदस्य हैं। ऐसे में इंडिया गठबंधन के लिए उलटफेर करना आसान नहीं होगा। नौ सितंबर को ही वोटिंग होगी और उसी शाम वोटों की गिनती की जाएगी और नतीजे घोषित किए जाएंगे।
असदुद्दीन ओवैसी कौन हैं?
असदुद्दीन ओवैसी (जन्म 13 मई 1969) एक भारतीय राजनीतिज्ञ हैं, जो 2008 से ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के तीसरे और वर्तमान अध्यक्ष के रूप में कार्यरत हैं। वह भारतीय संसद के निचले सदन, लोकसभा में हैदराबाद निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले पांच बार संसद सदस्य हैं।
एआईएमआईएम का इतिहास क्या है?
एआईएमआईएम की स्थापना मूल रूप से मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एमआईएम) के रूप में 1927 में नवाब बहादुर यार जंग , हैदराबाद राज्य के नवाब महमूद नवाज खान किलेदार द्वारा उलमा-ए-मशाएकीन की उपस्थिति में एक विभाजन समर्थक पार्टी के रूप में की गई थी। पहली बैठक 12 नवंबर 1927 को नवाज खान के घर में हुई थी।
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