7 मई 2025 को पोप के चुनाव के लिए बुलाई गई कॉन्क्लेव की पहली बैठक बिना निर्णय के समाप्त हो गई। यह संकेत वेटिकन स्थित सिस्टीन चैपल की चिमनी से रात 9:05 बजे उठे काले धुएं से मिला, जिसका अर्थ है कि नया पोप नहीं चुना गया है। यह नतीजा अप्रत्याशित नहीं था, क्योंकि आमतौर पर पहले दिन के मतदान में निर्णय नहीं होता।
पोप फ्रांसिस के निधन के बाद चुनाव

यह कॉन्क्लेव पोप फ्रांसिस के 21 अप्रैल 2025 को 88 वर्ष की उम्र में निधन के बाद बुलाया गया है। कुल 133 कार्डिनल-निर्वाचक, जो 80 वर्ष से कम आयु के हैं, इस चुनाव प्रक्रिया में भाग ले रहे हैं। पोप बनने के लिए किसी उम्मीदवार को दो-तिहाई बहुमत यानी कम से कम 89 वोटों की आवश्यकता होती है।
यह कॉन्क्लेव पोप फ्रांसिस के 21 अप्रैल 2025 को 88 वर्ष की उम्र में निधन के बाद बुलाया गया है। कुल 133 कार्डिनल-निर्वाचक, जो 80 वर्ष से कम आयु के हैं, इस चुनाव प्रक्रिया में भाग ले रहे हैं। पोप बनने के लिए किसी उम्मीदवार को दो-तिहाई बहुमत यानी कम से कम 89 वोटों की आवश्यकता होती है।
70 देशों के कार्डिनल चुनाव प्रक्रिया में शामिल

ले रहे हैंइस बार की कॉन्क्लेव वैश्विक विविधता के लिए उल्लेखनीय है। इसमें 70 देशों के कार्डिनल भाग ले रहे हैं, जिनमें हैती, म्यांमार और मलेशिया जैसे नए देश भी शामिल हैं। यह पोप फ्रांसिस की उस पहल का परिणाम है जिसमें उन्होंने कार्डिनल कॉलेज में वैश्विक प्रतिनिधित्व को बढ़ावा दिया।
संभावित उम्मीदवारों में वेटिकन के राज्य सचिव कार्डिनल पिएत्रो पारोलिन को प्रमुख दावेदार माना जा रहा है, जिन्हें शुरुआती समर्थन लगभग 50 कार्डिनलों से मिलने की सूचना है। हालांकि अभी तक किसी एक पर आम सहमति नहीं बनी है। कॉन्क्लेव प्रतिदिन चार बार तक मतदान कर सकती है, जब तक कि नया पोप नहीं चुना जाता।
यह पूरी प्रक्रिया अत्यधिक गोपनीयता में की जाती है। कार्डिनलों को वेटिकन में अलग रखा गया है और उनके सभी संचार उपकरण जब्त कर लिए गए हैं, ताकि किसी भी जानकारी का रिसाव न हो सके।
विश्वभर की निगाहें इस पर टिकी हैं कि कैथोलिक चर्च का अगला नेता कौन होगा।