Post Office अकाउंट होल्डर की मौत पर पैसे निकालने का तरीका जानिए नॉमिनी या कानूनी वारिस को किस प्रक्रिया से गुजरना होता है
अगर किसी Post Office अकाउंट होल्डर की मृत्यु हो जाती है, तो उनके अकाउंट में जमा राशि निकालने की एक निश्चित प्रक्रिया होती है। यह प्रक्रिया भारतीय डाक विभाग द्वारा तय की गई है, ताकि धन का गलत उपयोग न हो और सही व्यक्ति तक राशि पहुंचे।
क्या होता है अगर नॉमिनी पहले से रजिस्टर है?
अगर मृतक ने नॉमिनी (Nominee) को पहले ही अपने अकाउंट में नामित किया हुआ है, तो प्रक्रिया अपेक्षाकृत सरल हो जाती है।

नॉमिनी के लिए जरूरी दस्तावेज:
- मृतक का डेथ सर्टिफिकेट
- नॉमिनी का ID प्रूफ (आधार कार्ड, पैन कार्ड आदि)
- पासबुक या अकाउंट डिटेल्स
- क्लेम फॉर्म (SB-84)
नोट: इन दस्तावेजों को लेकर संबंधित पोस्ट ऑफिस में जाकर क्लेम प्रोसेस पूरा किया जा सकता है।
अगर नॉमिनी नहीं है तो क्या करें?
अगर अकाउंट में कोई नॉमिनी दर्ज नहीं है, तो पैसे निकालने के लिए कानूनी वारिस (Legal Heir) को प्रक्रिया अपनानी होती है।
वारिस के लिए जरूरी दस्तावेज:
- मृतक का डेथ सर्टिफिकेट
- वारिस का ID प्रूफ
- वारिस का रिश्ता प्रमाणित करने वाला दस्तावेज (Family Certificate आदि)
- सत्यापन शपथ पत्र (Affidavit)
- अदालत द्वारा जारी किया गया उत्तराधिकार प्रमाण पत्र (Succession Certificate)
क्लेम की अधिकतम सीमा
- नॉमिनी या वारिस ₹5 लाख तक की राशि बिना कोर्ट के आदेश के क्लेम कर सकते हैं, यदि दस्तावेज सही हों।
- ₹5 लाख से अधिक की राशि के लिए अदालत का आदेश जरूरी हो सकता है।

प्रक्रिया की समय-सीमा
यदि सभी दस्तावेज सही हैं, तो पोस्ट ऑफिस 7–10 कार्य दिवसों के भीतर क्लेम निपटा सकता है।
क्या करें और क्या न करें
सही दस्तावेजों की मूल प्रति और कॉपी साथ लाएं
फॉर्म को ध्यान से भरें और कर्मचारी से जांच करवाएं
बिना दस्तावेज के राशि की मांग न करें
गलत जानकारी देने पर क्लेम खारिज हो सकता है
Post Office अकाउंट होल्डर की मृत्यु के बाद जमा राशि निकालने की प्रक्रिया पारदर्शी और निर्धारित है। अगर नॉमिनी पहले से नामित है, तो क्लेम आसान होता है, और अगर नहीं है तो कानूनी प्रक्रिया अपनानी पड़ती है। ऐसे मामलों में सही दस्तावेज और समय पर कार्रवाई से परेशानी से बचा जा सकता है।