यूपी के अयोध्या राम मंदिर में प्रथम तल पर रामदरबार की प्राण प्रतिष्ठा की गई। साथ ही सात मंदिरों में देव विग्रहों की भी प्राण प्रतिष्ठा भी की गई है। गंगा दशहरा पर गुरुवार को भगवान रामेश्वरम की स्थापना के शुभ अभिजित मुहूर्त पूर्वाह्न 11:30 बजे से मध्याह्न 12 बजे के मध्य सभी देव विग्रहों में प्राणों का आधान किया गया। इसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत अलग-अलग संतों ने भगवान का नेत्रोन्मिलन कराकर उनके प्राकट्य की पहली आरती की। इसके साथ तीन दिवसीय अनुष्ठान की पूर्णाहुति हुई। राम मंदिर के दूसरे प्राण-प्रतिष्ठा उत्सव का मुख्य पर्व गुरुवार को मनाया गया। इसके लिए पूरे परिसर को फूल-मालाओं से सजाया गया। मुख्यमंत्री योगी राम दरबार में पूजन के बाद सभी सातों मंदिरों में भी जाकर पूजन करेंगे। मुख्यमंत्री व संतों के साथ करीब एक हजार विशिष्ट अतिथियों को आमंत्रित किया गया था।
प्राण प्रतिष्ठा के दिन डिजाइनर मनीष तिवारी ने सजाई भगवान की पोशाक
मूर्ति को जटिल रूप से डिजाइन किए गए मुकुट, जड़ाऊ बेल्ट, कढ़ाई वाले वस्त्र और जरी और कीमती पत्थरों से जड़े कपड़ों से भी सजाया गया। प्रसिद्ध कॉस्ट्यूम डिजाइनर मनीष तिवारी ने भगवान की पोशाक डिजाइन की है। वास्तुकला की दृष्टि से, श्री राम जन्मभूमि मंदिर पारंपरिक नागर शैली में बनाया गया है, जिसमें मंदिर की दीवारों पर हिंदू देवी-देवताओं की जटिल नक्काशीदार आकृतियां दिखाई देती हैं। राम दरबार 4.5 फीट ऊंचा है।
माता सीता के साथ राजा राम स्थापित
राम दरबार में भगवान राम और माता सीता की मूर्ति को दो फुट ऊंचे सफेद संगमरमर के सिंहासन पर रखा गया है। ये राम दरबार राम मंदिर के प्रथम तल पर स्थापित किया गया है। उनके साथ ही भगवान हनुमान और लक्ष्मण की मूर्ति भी बैठी हुई मुद्रा में रखी गई है। सभी मूर्तियों और सिंहासन को राजस्थान के जयपुर में सफेद संगमरमर से तराशा गया है। अयोध्या में राम मंदिर में आज राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा के साथ ही सात मंदिरों में विग्रहों की प्राण प्रतिष्ठा भी की जा रही है। इस मौके पर देशभर से 101 आचार्य पहुंचे हैं।