गुजरात सरकार द्वारा मानसून के दौरान बाढ़ से निपटने के लिए तैयारी शुरू कर दी है। इसी के तहत जल संसाधन विभाग द्वारा एक मास्टर प्लान बनाया गया है,
देश में बहुत जल्द ही मानसून की शुरुआत होने वाली है। इसको लेकर देश के अलग-अलग राज्यों में बारिश की वजह से आने वाली बाढ़ से निपटने की तैयारी शुरू कर दी गई है। पिछले साल मानसून सीजन में गुजरात के कई शहर बाढ़ में डूब गए थे, जिसकी वजह से कई लोगों को अपना घर छोड़ना पड़ा था। गुजरात सरकार ने बाढ़ से निपटने की तैयारी पहले ही शुरू कर दी है। गुजरात सरकार ने घेड क्षेत्र में मानसून के दौरान बाढ़ से निपटने के लिए कुल 1,534.19 करोड़ रुपये की सैद्धांतिक मंजूरी दी है। इसके साथ ही सरकार द्वारा इस योजना पर काम भी शुरू कर दिया गया है। इस बात की जानकारी जल संसाधन मंत्री और पोरबंदर के प्रभारी कुंवरजी बावलिया ने दी है।
139 करोड़ की टेंडर मंजूर
जल संसाधन मंत्री कुंवरजी बावलिया ने बताया कि इस योजना के पहले चरण में कई अलग-अलग कार्यों के लिए 139.42 करोड़ रुपये की टेंडर मंजूर की गई हैं, जिनका काम जल्द शुरू हो जाएगा। उन्होंने कहा कि सोरठी घेड और बरदा घेड क्षेत्र के जूनागढ़, पोरबंदर और देवभूमि द्वारका जिलों के कई इलाके भादर, ओझट, मधुवंती, मिनसर, वर्टू, सनी और सोरठी नदियों के मुहाने के त्रिकोणीय क्षेत्र से बने हुए हैं। इस वजह से ये इलाके मानसून की शुरुआत से ही 4 से 5 महीने तक जलमग्न रहते हैं। इससे इन इलाकों के किसानों को मानसून के दौरान खेती में परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
मंत्री कुंवरजी बावलिया ने बताया कि स्टडी के निष्कर्षों की गहन जांच के बाद जल संसाधन विभाग द्वारा सोरठी और बरदा घेड क्षेत्रों में बाढ़ की समस्या से निपटने के लिए एक बड़ी योजना बनाई गई है, जिसके कुल 3 फेज होंगे, जो 11 अलग-अलग सेक्टर पर लागू होंगे। जैसे पहले फेज में सभी नदियों और नहरों की जल वहन क्षमता को प्रभावी रूप से बढ़ाया जाएगा। इसके लिए नदियों, नहरों, नालों की सफाई की जाएगी और उनका गाद निकाला जाएगा। इसके साथ फ्रेश वॉटर की जरूरत को ध्यान में रखते हुए मौजूदा तालाबों को गहरा किया जाएगा। इन्हीं सब कामों के लिए 139.42 करोड़ रुपये के टेंडर स्वीकृत किए गए हैं। अब जल्द ही इस पर काम शुरू किया जाएगा।