सिर्फ 2 स्लैब का प्रस्ताव, GST स्लैब में प्रस्तावित बदलाव
नई दिल्ली: जीएसटी काउंसिल के मंत्रियों के समूह (GoM) ने 12% और 28% के जीएसटी(GST) स्लैब को खत्म करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इस नए प्रस्ताव के तहत, अब सिर्फ दो मुख्य स्लैब 5% और 18% होंगे। यह प्रस्ताव अब जीएसटी काउंसिल के पास अंतिम फैसले के लिए भेजा जाएगा।
लग्जरी आइटम्स पर 40% तक टैक्स लगाने का प्रस्ताव भी दिया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी(Narendra Modi) ने पहले ही स्वतंत्रता दिवस के भाषण में ‘नेक्स्ट जेनरेशन जीएसटी रिफॉर्म्स’ की घोषणा की थी, जिससे आम लोगों को फायदा होगा।
रोजमर्रा की चीजें होंगी सस्ती
अगर यह प्रस्ताव लागू होता है तो 12% और 28% के स्लैब में आने वाली कई चीजें सस्ती हो जाएंगी। जिन सामानों पर अभी 12% टैक्स लगता है, वे 5% स्लैब में आ जाएंगे, जिससे उनकी कीमतें कम हो जाएंगी।
इनमें ब्रांडेड नमकीन, साबुन, टूथपेस्ट, कई दवाएँ, मोबाइल फोन, सिलाई मशीन, गीजर, और रेडीमेड कपड़े जैसी चीजें शामिल हैं। इसी तरह, जिन सामानों पर 28% टैक्स लगता है, वे 18% स्लैब में आ जाएंगे, जिससे सीमेंट, टीवी, फ्रिज, वाशिंग मशीन, और ब्यूटी प्रोडक्ट्स(Beauty Products) भी सस्ते हो जाएंगे।
मंत्रियों के समूह (GoM) की भूमिका
GoM जीएसटी(GST) से जुड़े जटिल मुद्दों पर चर्चा करने और सुझाव देने वाली एक विशेष समिति है, जिसमें विभिन्न राज्यों के वरिष्ठ मंत्री शामिल होते हैं। इस समिति का उद्देश्य जीएसटी(GST) काउंसिल को महत्वपूर्ण मुद्दों पर सिफारिशें देना है।
जीएसटी रेट रेशनलाइजेशन GoM में बिहार, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, और केरल के प्रतिनिधि शामिल थे। GoM ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया है, हालांकि कुछ राज्यों ने इस पर अपनी आपत्तियाँ भी जताई हैं, जिन पर जीएसटी काउंसिल की बैठक में चर्चा होगी।
आगे की प्रक्रिया(GST) और संभावित समय-सीमा

GoM की सिफारिशों को अब जीएसटी काउंसिल की अगली बैठक में रखा जाएगा। जीएसटी(GST) काउंसिल में केंद्र और सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधि शामिल होते हैं, और केंद्रीय वित्त मंत्री इसकी अध्यक्ष होती हैं। अगर काउंसिल 75% बहुमत से इस प्रस्ताव को पास कर देती है, तो इसे लागू करने के लिए जरूरी कानूनी और तकनीकी कदम उठाए जाएंगे।
चूंकि यह एक बड़ा बदलाव है, इसलिए अगली बैठक सितंबर या अक्टूबर 2025 में होने की संभावना है, और नई दरें 2026 की शुरुआत तक लागू हो सकती हैं।
जीएसटी(GST) स्लैब में क्या बदलाव प्रस्तावित हैं और इसका क्या प्रभाव पड़ेगा?
प्रस्तावित बदलावों के अनुसार, 12% और 28% के जीएसटी स्लैब को खत्म करके केवल 5% और 18% के दो मुख्य स्लैब बनाए जाएंगे। इसका सबसे बड़ा प्रभाव यह होगा कि कई रोजमर्रा की चीजें सस्ती हो जाएंगी, क्योंकि उन पर लगने वाला टैक्स कम हो जाएगा।
मंत्रियों का समूह (GoM) क्या है और इसकी सिफारिशों का क्या महत्व है?
समूह (GoM) सरकार द्वारा बनाई गई एक विशेष समिति है, जिसमें विभिन्न राज्यों के वरिष्ठ मंत्री शामिल होते हैं। इसका काम जीएसटी से संबंधित जटिल मुद्दों पर चर्चा करना और जीएसटी काउंसिल को सिफारिशें देना है। इस समिति की सिफारिशें इसलिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि ये जीएसटी काउंसिल के अंतिम निर्णय का आधार बनती हैं, जिससे बड़े बदलावों को लागू करने की प्रक्रिया आसान हो जाती है।
जीएसटी(GST) काउंसिल में इस प्रस्ताव को मंजूरी मिलने की क्या प्रक्रिया है?
GoM की सिफारिशें जीएसटी काउंसिल की अगली बैठक में रखी जाएंगी। काउंसिल में केंद्र सरकार के प्रतिनिधि और सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के वित्त मंत्री शामिल होते हैं। इस प्रस्ताव को पारित करने के लिए 75% बहुमत की आवश्यकता होगी।
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