भारतीय झंडे में अशोक चक्र का क्या है महत्व?’, चिली के राष्ट्रपति के सवाल पर पीएम मोदी ने दिया जवाब

चिली के राष्ट्रपति भारत के दौरे पर आए हुए हैं। इस दौरान पीएम मोदी से उन्होंने भारतीय झंडे में बने अशोक चक्र को लेकर सवाल किया। ॉ पीएम नरेंद्र मोदी ने बखूबी जवाब भी दिया है।

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What is the significance of Ashoka Chakra in the Indian flag PM Narendra Modi answered the question
Image Source : PTI चिली के राष्ट्रपति के सवाल पर पीएम मोदी ने दिया जवाब

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली के हैदराबाद हाउस में चिली के राष्ट्रपति गेब्रियल बोरिक फॉन्ट से मुलाकात की है। चिली के राष्ट्रपति गेब्रियल बोरिक भारत की पांच दिवसीय यात्रा पर आए हैं। राष्ट्रपति गेब्रियल के साथ एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल भी आया है। जिसमें मंत्री, संसद सदस्य, व्यापार संघ और भारत-चिली सांस्कृतिक संबंधों से जुड़े प्रमुख लोग शामिल हैं। राष्ट्रपति के रूप में बोरिक की यह पहली भारत यात्रा है। राष्ट्रपति बोरिक ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ भारत-चिली संबंधों के पहलुओं पर चर्चा की है। वार्ता के बाद एक वक्तव्य में मोदी ने कहा, ‘‘आज, हमने अपनी-अपनी टीम को पारस्परिक रूप से लाभकारी व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते पर चर्चा शुरू करने का निर्देश दिया है।’’ 

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चिली के राष्ट्रपति ने पीएम मोदी से किया अनोखा सवाल

भारत सरकार के लिए न्यू मीडिया स्ट्रेटेजिस्ट के रूप में काम करने वाले राहुल अग्रवाल ने अपने लिंक्डइन प्रोफाइल पर एक पोस्ट शेयर किया। इस पोस्ट में उन्होंने लिखा, ‘चिली के राष्ट्रपति ने पीएम मोदी से भारत के राष्ट्रीय ध्वज के अशोक चक्र को लेकर सवाल किया। इसपर पीएम नरेंद्र मोदी ने उन्हें बताया कि चक्र, एक 24 तीलियं वाला पहिया है जो धर्म (धार्मिकता), प्रगति और न्याय का प्रतिनिधित्व करता है। यह भारत का एक राष्ट्र के रूप में मार्गदर्शन करते हैं। सम्राट अशोक के शासन के दृष्टिकोण में निहित, यह प्रतीक शांति, गतिशीलता और न्यायपूर्ण समाज की दिशा में निरंतर बढ़ते रहने के लिए भारत की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है।’

विदेश मंत्री ने चिली के राष्ट्रपति से की मुलाकात

उन्होंने लिखा, ‘यह सरल लेकिन गहन बातचीत वैश्विक नेतृत्व में अंतर-सांस्कृतिक संवाद के महत्व को दर्शाती है। जब विश्व के नेता एक-दूसरे के प्रतीकों और इतिहास में रुचि लेते हैं,। यह आपसी सम्मान और समझ को गहरा करता है। यह एक शानदार रिमाइंडर है कि कूटनीति केवल नीतियों के बारे में नहीं है। यह एक दूसरे की कहानियों से सीखने के बारे में भी है।’ बता दें कि इससे पहले विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने दिल्ली में चिली के राष्ट्रपति गेब्रियल बोरिक से मुलाकात की थी। इस दौरान विदेश मंत्री ने एक्स पर पोस्ट कर कहा, ”चिली के राष्ट्रपति गेब्रियल बोरिक से उनकी भारत की राजकीय यात्रा की शुरुआत में मुलाकात करके प्रसन्नता हुई। हमारे दीर्घकालिक सहयोग को और गहरा करने के लिए उनकी प्रतिबद्धता की सराहना करता हूं। मुझे विश्वास है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ उनकी बातचीत से नई साझेदारी और अधिक जुड़ाव को बढ़ावा मिलेगा।”

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