क्या है मिशन ‘सुदर्शन चक्र’?
Sudarshan Chakra : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने 15 अगस्त 2025 को 79वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर ‘मिशन सुदर्शन चक्र’ की घोषणा की। यह मिशन भारत की सुरक्षा और सामरिक शक्ति को एक नई ऊंचाई देने के लिए शुरू किया गया एक राष्ट्र सुरक्षा कवच (Rashtriya Suraksha Kavach) है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले से देश की सुरक्षा को लेकर बहुत बड़ा ऐलान किया है। पीएम मोदी ने मिशन सुदर्शन चक्र लॉन्च करने की घोषणा करते हुए कहा कि ये भारत के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा कवच के तौर पर काम करेगा। देश के सभी अहम जगहों की सुरक्षा इसी कवच से होगी। पीएम मोदी ने कहा कि 2035 तक देश के सभी महत्वपूर्ण स्थानों सामरिक ठिकानों से लेकर अस्पताल, रेलवे स्टेशन और आस्था के केंद्रों तक को एक आधुनिक तकनीकी सुरक्षा कवच से लैस किया जाएगा। इससे हर नागरिक सुरक्षित महसूस कर सके।
‘2035 तक भारत के लिए सुदर्शन चक्र की तरह कवच बनाएंगे’
लाल किले की प्राचीर से अपने सबसे लंबे भाषण में पीएम मोदी ने कहा कि मैंने एक संकल्प लिया है, इसके लिए मुझे देशवासियों का आशीर्वाद चाहिए। क्योंकि समृद्धि कितनी ही हो, लेकिन सुरक्षा के साथ न हो तो इसका महत्व नहीं होता। मैं लाल किले से कह रहा हूं कि आने वाले 10 साल में यानी 2035 तक राष्ट्र के सभी अहम स्थलों जिनमें सामरिक के साथ साथ सिविलियन क्षेत्र भी शामिल हैं। जैसे अस्पताल, रेलवे, आस्था के केंद्र हों, उन्हें तकनीक के नए प्लेटफॉर्म द्वारा पूरी तरह सुरक्षा का कवच दिया जाएगा। ये सुरक्षा का कवच लगातार विस्तृत होगा। देश का हर नागरिक सुरक्षित महसूस करे, किसी भी तरह की तकनीक आ जाए, हमारी तकनीक उसका मुकाबला करने में सक्षम हो।
‘मिशन सुदर्शन चक्र में डिफेंस भी होगा, अटैक भी होगा’
पीएम मोदी ने कहा कि मिशन सुदर्शन चक्र में डिफेंस भी होगा और अटैक भी होगा। उन्होंने कहा, ‘मैं 2035 तक इसके लिए राष्ट्रीय कवच को विस्तार देना चाहता हूं। भगवान श्रीकृष्ण का जो सुदर्शन चक्र था, हमने उस चक्र की राह को चुना है। जब महाभारत की लड़ाई चल रही थी श्रीकृष्ण ने अपने सुदर्शन चक्र से सूर्य के प्रकाश को रोक दिया था और दिन में ही अंधेरा कर दिया था। तब अर्जुन ने जो शपथ ली थी जयद्रथ का वध करने की, उसे वे पूर्ण कर पाए थे, यह सुदर्शन चक्र की वजह से हुआ था। अब देश मिशन सुदर्शन चक्र लॉन्च करेगा।
मिशन सुदर्शन चक्र की क्या है खासियत?
यह सुदर्शन चक्र एक ताकतवर वेपन सिस्टम दुश्मन के हमले को न्यूट्रलाइज तो करेगा ही बल्कि दुश्मन पर कई गुना तेज पलटवार भी करेगा। पीएम ने कहा, ”हमने मिशन सुदर्शन चक्र के लिए कुछ मूलभूत बातें भी तय की हैं, हम 10 साल में उसे पूरी तेजी से आगे बढ़ाना चाहते हैं। उसकी मैन्युफैक्चरिंग से लेकर पूरी रिसर्च देश में देश के लोगों द्वारा ही हो। वॉरफेयर के हिसाब से उसका हिसाब-किताब लेकर हम इस पर प्लस वन की नीति से काम करेंगे। सुदर्शन चक्र की एक खासियत थी कि उसका जो निशाना होता था, वहीं तक जाता था, और फिर वापस आ जाता था। हम भी सुदर्शन चक्र की तरह टारगेट के आधार पर आगे बढ़ेंगे।”
लाल किले का पुराना नाम क्या था?
यह किला-ए-मुबारक के नाम से भी जाना जाता है. इसमें कई सुंदर महल, गुंबददार इमारतें और मस्जिदें हैं. मुगल सम्राट शाहजहां ने लाल किले को अपनी राजधानी शाहजहांनाबाद के महल के रूप में बनवाया था.
दिल्ली में लाल किला किसने बनवाया था?
लाल किले की योजना और डिज़ाइन, प्रथम मुगल सम्राट द्वारा 1526 ई. में शुरू किए गए स्थापत्य विकास की पराकाष्ठा का प्रतिनिधित्व करते हैं, जिसे शाहजहाँ ने इस्लामी, फ़ारसी, तैमूरी और हिंदू परंपराओं के सम्मिश्रण द्वारा उत्कृष्ट रूप प्रदान किया।