बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ बढ़ती हिंसा के बीच एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। दिनाजपुर ज़िले के बिराल उप-जिले में एक प्रमुख हिंदू नेता, भावेश चंद्र की अपहरण के बाद बेरहमी से हत्या कर दी गई। हिंदू नेता भावेश चंद्र’बांग्लादेश पूजा उद्जापन परिषद’ की बिराल इकाई के उपाध्यक्ष थे। पुलिस और परिजनों ने उनकी मौत की पुष्टि की है।
धर्म परिवर्तन से इनकार करने के कारण ही हत्या

भावेश चंद्र की पत्नी, शंतना रॉय ने द डेली स्टार को बताया कि गुरुवार को दो मोटरसाइकिलों पर सवार चार लोग उनके घर से उन्हें जबरन ले गए। चश्मदीदों ने बताया कि उन्हें नराबाड़ी गांव ले जाकर बुरी तरह पीटा गया। उसी दिन, उनका बेहोश शरीर एक वैन में वापस उनके घर लाया गया। पहले उन्हें बिराल उपजिला स्वास्थ्य केंद्र और फिर दिनाजपुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।उनके परिवारवालों ने हत्या के लिे जमात -ए- इस्लामी को जिम्मेदार ठहराते हुए बताया कि भावेश चन्द्रा पर धर्म परिवर्त के लिए दबाव डाला जा रहा था और उन्हे कई बार धमकियां भी दी जा चुकी थी। धर्म परिवर्तन से इनकार करने के कारण उनकी हत्या कर दी गयी।
बिराल थाने के प्रभारी अधिकारी ने बताया कि अपराधियों की पहचान और गिरफ्तारी के लिए जांच जारी है और जल्द ही मामला दर्ज किया जाएगा।
हिंदुओं पर हमले लगातार जारीःरिपोर्ट

यह दुखद घटना ऐसे समय में हुई है जब हाल ही में ढाका स्थित मानवाधिकार संगठन ‘आइन ओ सालिश केंद्र’ (AsK) ने एक रिपोर्ट जारी की थी, जिसमें हिंदू समुदाय पर 147 हमलों का ज़िक्र किया गया था। इनमें 408 घरों पर हमले (36 में आगजनी), 113 दुकानों पर हमले, 32 अहमदिया मस्जिदों और मंदिरों पर हमले, और 92 मंदिरों में मूर्तियों की तोड़फोड़ शामिल है।
सितंबर 2024 में प्रकाशित प्रথম আলো की एक रिपोर्ट के अनुसार, अगस्त में मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार बनने के बाद से हिंदू समुदाय पर हमलों में तेजी आई है। रिपोर्ट में बताया गया कि देश के विभिन्न हिस्सों में हिंदुओं के घरों, दुकानों और मंदिरों को लगातार निशाना बनाया जा रहा है।
अंतरिम सरकार के सत्ता में आने के बाद से हिंसा और विरोध बढ़े हैं, जिससे हिंदू समुदाय की स्थिति और भी ख़तरनाक हो गई है। कई रिपोर्टों में सामूहिक बलात्कार, हत्या और मंदिरों की तोड़फोड़ जैसी गंभीर घटनाएं सामने आई हैं।
भारत सरकार ने जताई चिंता
भारत सरकार ने भी बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रही हिंसा पर चिंता जताई है। हाल ही में बैंकॉक में BIMSTEC सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मोहम्मद यूनुस से इस मुद्दे पर बात की।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जैसवाल ने एक प्रेस वार्ता में कहा,
“अल्पसंख्यकों की सुरक्षा का मुद्दा बैठक में उठा था। हमने बांग्लादेश सरकार से इन हमलों को लेकर अपनी चिंता ज़ाहिर की है और उम्मीद है कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।”