वाशिंगटन, 18 जुलाई 2025: अमेरिका में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प (Donald Trump) की नीतियों के खिलाफ सभी 50 राज्यों में लाखों लोग सड़कों पर उतर आए, जिससे व्हाइट हाउस तक हड़कंप मच गया।
‘गुड ट्रबल लिव्स ऑन’ और ‘50501 मूवमेंट’ (50 राज्यों, 50 प्रदर्शन, 1 आंदोलन) के बैनर तले 17 जुलाई को आयोजित इन प्रदर्शनों में लोग ट्रम्प प्रशासन की आप्रवास नीतियों, नागरिक अधिकारों के हनन, और सरकारी सेवाओं में कटौती के खिलाफ एकजुट हुए। यह ट्रम्प के दूसरे कार्यकाल में सबसे बड़े विरोध प्रदर्शनों में से एक माना जा रहा है।

वाइट हाउस के पास पहुंचे प्रदर्शनकारी
प्रदर्शनकारी वाशिंगटन डीसी में व्हाइट हाउस के पास लाफायेट स्क्वायर और नेशनल मॉल में जमा हुए, जहां हजारों लोगों ने “नो किंग्स” और “हैंड्स ऑफ अवर राइट्स” जैसे नारे लगाए। न्यूयॉर्क, लॉस एंजिल्स, शिकागो, बोस्टन और मियामी जैसे शहरों में भी भारी भीड़ देखी गई।
प्रदर्शनकारी ट्रम्प की आप्रवास नीतियों, खासकर बड़े पैमाने पर निर्वासन और गलत तरीके से सza0⁊, और सामाजिक सुरक्षा, मेडिकेयर जैसे कार्यक्रमों में कटौती के विरोध में थे। कुछ प्रदर्शनकारियों ने एलन मस्क की डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी (DOGE) की नीतियों और प्रोजेक्ट 2025 की आलोचना की, जिसे वे लोकतंत्र के लिए खतरा मानते हैं।
हिंसक भीड़ पर पुलिस ने आसु गैस के गोले और रबर फायरिंग कर रोका
लॉस एंजिल्स और पोर्टलैंड में प्रदर्शन हिंसक हो गए, जहां पुलिस ने आंसू गैस और रबर बुलेट्स का इस्तेमाल किया। मिनेसोटा में एक डेमोक्रेटिक सांसद की हत्या के बाद वहां प्रदर्शन रद्द किए गए, लेकिन फिर भी हजारों लोग सेंट पॉल में जमा हुए। प्रदर्शनकारियों ने ट्रम्प के 10% वैश्विक टैरिफ, सरकारी कर्मचारियों की छंटनी, और ट्रांसजेंडर अधिकारों में कटौती जैसे कदमों का विरोध किया।
व्हाइट हाउस ने प्रदर्शनकारियों को “अराजकता फैलाने वाला” करार दिया, जबकि आयोजकों ने इसे लोकतंत्र की रक्षा के लिए जरूरी बताया। प्रदर्शनकारी सुसान स्टर्न जैसे लोगों ने कहा, “हर किसी को कानूनी प्रक्रिया का अधिकार है। यह हमारी नींव है।” अगली सुनवाई 22 जुलाई को होगी।
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