नई दिल्ली। संसद का मानसून सत्र (Mosoon Session) आज से शुरू हो रहा है। सत्र शुरू होने से पहले पीएम मोदी संसद को संबोधित करेंगे। यह मानसून सत्र 21 जुलाई से लेकर 21 अगस्त तक चलेगा। यह सत्र 32 दिन चलेगा इसमें 21 बैठकें होंगी। इससे पहले लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला (Lok Sabha speaker Om Birla) ने सभी दलों से खास अपील की है। एक्स पर पोस्ट में उन्होंने सभी दलों से सदन को सुचारू रूप से चलाने और रचनात्मक चर्चा में सहयोग करने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि 18वीं लोकसभा का पांचवां सत्र शुरु हो रहा है।
लोकतंत्र के इस पवित्र मंदिर में जनाकांक्षाओं की अभिव्यक्ति और राष्ट्रीय हितों के संरक्षण के लिए हम सभी प्रतिनिधियों की सामूहिक भूमिका अत्यंत अहम है। लोकसभा अध्यक्ष ने मानसून सत्र से पहले सभी दलों के नेताओं एवं सदस्यों से आग्रह है कि वे सदन के सुचारू संचालन, रचनात्मक विमर्श और स्वस्थ लोकतांत्रिक संवाद में अपना सहयोग दें, ताकि हम समावेशी विकास, सामाजिक न्याय और आर्थिक प्रगति के लिए ठोस कदम उठा सकें।
संसद के दोनों सदन 12 अगस्त से 17 अगस्त तक स्थगित रहेंगे
उन्होंने उम्मीद जताई कि लोकतंत्र की गरिमा (Dignity of democracy) संसद की प्रतिष्ठा और जनहित की प्राथमिकता जैसे मूल्यों को समर्पित यह मानसून सत्र सार्थक और सफल होगा और हम सब मिलकर लोकतांत्रिक चेतना, विविधता में एकता और संवैधानिक मूल्यों को और ज्यादा सशक्त करने की दिशा में सार्थक योगदान देंगे। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता दिवस समारोह के लिए संसद के दोनों सदन 12 अगस्त से 17 अगस्त तक स्थगित रहेंगे। इसके बाद 18 अगस्त को सत्र फिर से शुरू होगा। विपक्ष कई मुद्दों पर सरकार से जवाब की मांग कर रहा है। सबसे अहम मुद्दा ऑपरेशन सिंदूर है, जिस पर बहस होनी है। यह बहस पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद हो रही है, जिसमें 26 लोगों की मौत हो गई थी। विपक्ष ने पीएम मोदी से इस मुद्दे पर बयान देने की मांग की है और साथ ही अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के भारत और पाकिस्तान के बीच शांति मध्यस्थता के बार-बार किए गए दावों पर जवाब मांगा है। सत्र के दौरान बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर भी चर्चा हो सकती है।
संसद सत्र की शुरूआत से पहले रविवार को सर्वदलीय बैठक हुई थी
विपक्षी दलों ने इस प्रक्रिया की पारदर्शिता और समय को लेकर चिंता जताते हुए सरकार पर आगामी राज्य चुनावों को प्रभावित करने का प्रयास करने का आरोप लगाया है। इस सत्र के दौरान सरकार कई अहम विधेयक पेश करने की भी तैयारी में है। इनमें जीएसटी सुधार, टैक्सेशन कानून, सार्वजनिक विश्वास नियमन, खेल प्रशासन, बंदरगाह और खनिज और भू-विरासत स्थलों के संरक्षण से संबंधित प्रस्तावित कानून शामिल हैं। लोकसभा में नए आयकर विधेयक, 2025 पर संसदीय पैनल की रिपोर्ट भी प्रस्तुत की जाएगी। इसके अलावा संसद में एक न्यायाधीश को हटाने के प्रस्ताव पर भी चर्चा हो सकती है। संसद सत्र की शुरूआत से पहले रविवार को सर्वदलीय बैठक हुई थी।
इस बैठक के बाद संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा था कि हम ऑपरेशन सिंदूर जैसे अहम मुद्दों पर चर्चा के लिए पूरी तरह तैयार है। ये राष्ट्रीय महत्व के मुद्दे हैं। सरकार इनसे पीछे नहीं हट रही और ना कभी हटेगी, बल्कि नियमों और परंपराओं के दायरे में चर्चा के लिए हमेशा खुली है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सरकार के लिए नियम और परंपराएं बहुत अहम है।
संसद का विशेष सत्र क्या है?
भारतीय संसद का विशेष सत्र वह अवधि होती है जब सांसद अपने सामान्य सत्रों के अलावा विधायी कार्य करने के लिए एकत्रित होते हैं। भारत में विधायिका के कार्यक्रमों का कैलेंडर तय नहीं है।
संसद का संयुक्त सत्र कब आयोजित होता है?
उत्तर: संसद के दो सत्रों के बीच अधिकतम 6 महीने का अंतराल हो सकता है। उत्तर: यदि दोनों सदनों के बीच गतिरोध हो, या किसी विधेयक पर किसी एक सदन की सहमति के बिना छह महीने बीत गए हों, तो राष्ट्रपति इसे समाप्त करने के लिए संसद की संयुक्त बैठक बुला सकते हैं।
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