Putin सीजफायर से पहले की शर्त: यूएन को सौंपो यूक्रेन

Putin सीजफायर से पहले की शर्त: यूएन को सौंपो यूक्रेन

Russia Ukraine War: सीजफायर से पहले putin की बड़ी मांग, “यूक्रेन को रखें संयुक्त राष्ट्र के अधीन”

रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे लंबे और विनाशकारी युद्ध में अब एक नया मोड़ आता दिख रहा है। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने एक बेहद चौंकाने वाली शर्त रख दी है। पुतिन ने कहा है कि अगर यूक्रेन को संयुक्त राष्ट्र के अधीन लाया जाता है और उसे एक निष्पक्ष अंतरराष्ट्रीय क्षेत्र के रूप में स्थापित किया जाता है, तभी रूस युद्धविराम के लिए तैयार होगा।

Advertisements
Putin सीजफायर से पहले की शर्त: यूएन को सौंपो यूक्रेन
Putin सीजफायर से पहले की शर्त: यूएन को सौंपो यूक्रेन

putin की मांग का क्या मतलब?

रूसी राष्ट्रपति का यह बयान साफ करता है कि वह यूक्रेन को मौजूदा नेतृत्व के साथ स्वतंत्र रूप में नहीं देखना चाहते। पुतिन के अनुसार, यूक्रेन ने पश्चिमी देशों, खासकर अमेरिका और नाटो, का मोहरा बनकर रूस की सुरक्षा को खतरे में डाल दिया है।पुतिन की शर्त है कि एक नया राजनीतिक ढांचा बनाया जाए जिसमें यूक्रेन की सीमाएं तय करने, सुरक्षा सुनिश्चित करने और शासन प्रणाली पर निर्णय लेने का अधिकार संयुक्त राष्ट्र के पास हो।

Advertisements

यूक्रेन की प्रतिक्रिया

यूक्रेन ने पुतिन की इस मांग को पूरी तरह से अस्वीकार्य बताया है। यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की के प्रवक्ता ने कहा कि “यूक्रेन एक स्वतंत्र और संप्रभु राष्ट्र है, और उसे किसी के अधीन नहीं लाया जा सकता।” उन्होंने पुतिन पर युद्धविराम के नाम पर नया राजनीतिक खेल खेलने का आरोप लगाया।

अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया

संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं ने फिलहाल इस प्रस्ताव पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है। हालांकि, कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि पुतिन की यह मांग रणनीतिक दबाव बनाने की कोशिश है ताकि पश्चिमी देश और यूक्रेन मजबूरी में समझौता करें।अमेरिका और यूरोपीय संघ ने पहले ही यह साफ किया है कि वे यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता से कोई समझौता नहीं करेंगे।

युद्ध की स्थित

  • रूस और यूक्रेन के बीच लड़ाई अभी भी कई मोर्चों पर जारी है।
  • डोनबास और खारकीव जैसे क्षेत्रों में रोज़ाना गोलाबारी हो रही है।
  • हजारों सैनिक और आम नागरिक इस युद्ध में मारे जा चुके हैं।
  • लाखों लोग अपने घरों को छोड़कर शरणार्थी बन गए हैं।

क्या शांति की कोई उम्मीद है?

पुतिन की मांग पर सहमति बनना बेहद मुश्किल है। यूक्रेन और उसके सहयोगी देश किसी भी ऐसी स्थिति को मानने के लिए तैयार नहीं हैं जिसमें रूस को फायदा मिले या यूक्रेन की संप्रभुता पर आंच आए।हालांकि, अगर अंतरराष्ट्रीय समुदाय—विशेषकर संयुक्त राष्ट्र—मध्यस्थ की भूमिका में आता है और दोनों पक्षों के लिए भरोसेमंद समाधान तैयार करता है, तो सीजफायर की उम्मीद जग सकती है।रूस-यूक्रेन युद्ध में पुतिन की यह नई शर्त दुनिया को सोचने पर मजबूर कर रही है। क्या यह शांति की शुरुआत हो सकती है या फिर एक नया राजनीतिक दांव? आने वाले दिनों में अंतरराष्ट्रीय कूटनीति की दिशा इस सवाल का जवाब देगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *