परिवारवालों’ से सीधा नाता बनाए रखने का प्लान
उत्तर प्रदेश में अमेठी की बैठकों से आमतौर पर दूरी बनाने वाले राहुल गांधी अब रायबरेली से अपनी नजदीकियां बढ़ाने पर जोर दे रहे हैं। आज से वो रायबरेली के दो दिवसीय दौरे पर हैं।
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी मंगलवार को अपने संसदीय क्षेत्र रायबरेली के दो दिवसीय दौरे पर पहुंचे हैं। रायबरेली से लोकसभा सांसद चुने जाने के बाद से राहुल गांधी की ये पांचवा यूपी दौरा है। रायबरेली में वो कांग्रेस कार्यकर्ताओं और बूथ अध्यक्षों के साथ बैठक ही नहीं करेंगे, बल्कि जिले के विकास योजनाओं की हकीकत जानेंगे। राहुल गांधी अमेठी जैसी गलती रायबरेली में नहीं दोहरा रहे हैं। अमेठी सांसद रहते हुए आमतौर पर राहुल गांधी प्रशासनिक बैठकों से दूर रहते थे, लेकिन रायबरेली से सांसद बनने के बाद से संसद से लेकर सड़क तक एक्टिव हैं।
रायबरेली को सांसद राहुल गांधी अपने किसी मैनेजर के भरोसे पर नहीं छोड़ना चाहते हैं, बल्कि खुद क्षेत्र का दौरा करके अपनी उपस्थिति को बनाए रखने की कवायद में है। इसीलिए रायबरेली से लोकसभा सांसद चुने जाने के बाद से राहुल गांधी लगातार अपने संसदीय क्षेत्र में सक्रिय हैं और लगातार दौरे कर रहे हैं। इसी कड़ी में मंगलवार को राहुल एक बार फिर रायबरेली पहुंचे हैं, जहां केंद्रीय योजनाओं की जायजा लेने के साथ-साथ पार्टी नेताओं के साथ बैठक करेंगे। इसके अलावा कई विकास योजनाओं का उद्घाटन किया।
रायबरेली में राहुल गांधी का प्लान
राहुल गांधी मंगलवार को दो दिवसीय दौरे पर रायबरेली पहुंचे हैं। पहले दिन बछरावां के कुंदनगंज स्थित विशाखा फैक्टरी में दो मेगावॉट एटम सोलर रूफ प्लांट एवं एटम इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशन का उद्घाटन किया। इसके बाद शहर के सिविल लाइन स्थित नेताजी सुभाषचंद्र बोस की प्रतिमा का अनावरण करेंगे। राहुल गांधी बचत भवन में दिशा की बैठक में शामिल होंगे, जहां पर पिछली बैठक में उठे मामलों के निस्तारण की समीक्षा करेंगे और फिर जिले में संचालित केंद्रीय योजनाओं की प्रगति की समीक्षा करेंगे। दिशा की बैठक में जिले के सभी विधायकों, ब्लॉक प्रमुखों, और जिला पंचायत अध्यक्ष को बुलाया गया है।
दिशा की बैठक में केंद्रीय योजनाओं की समीक्षा के बाद राहुल गांधी लालगंज में रेल कोच फैक्टरी का भ्रमण करेंगे। इसके बाद सरेनी विधानसभा क्षेत्र के बूथ अध्यक्षों के साथ मुराईबाग डलमऊ में बैठक कर उनके साथ बातचीत रहेंगे। इसके बाद रायबरेली भुएमऊ गेस्ट हाउस में रात्रि विश्राम करेंगे। दूसरे दिन बुधवार को राहुल गांधी भुएमऊ गेस्ट हाउस में पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं से मिलेंगे। इसके बाद गन फैक्ट्री एवं इंडो-रसियन रायफल्स प्रालि। कोरवा अमेठी का भ्रमण करेंगे। संजय गांधी अस्पताल मुंशीगंज में ओपन हार्ट सर्जरी के ऑपरेशन थियेटर का राहुल उद्घाटन करेंगे और इंदिरा गांधी नर्सिंग कॉलेज का भ्रमण करेंगे। इसके बाद दिल्ली वापस लौट जाएंगे।
‘अमेठी वाली गलती रायबरेली में नहीं’
- राहुल गांधी अब अमेठी जैसी गलती रायबरेली में नहीं दोहराना चाहते हैं।
- रायबरेली को वो अपने किसी मैनेजर के भरोसे पर नहीं छोड़ना चाहते हैं, बल्कि खुद क्षेत्र का दौरा करके अपनी उपस्थिति को बनाए रखने की कवायद में है।
- इसलिए रायबरेली से लोकसभा सांसद बनने के बाद से राहुल गांधी लगातार अपने संसदीय क्षेत्र का दौरा कर रहे हैं।
- अमेठी से लोकसभा सांसद रहते हुए राहुल गांधी प्रशासनिक बैठकों से दूरी बनाए रखते थे।
- राहुल गांधी की जगह उनके प्रतिनिधि शामिल हुआ करते थे, लेकिन रायबरेली से लोकसभा सांसद चुने जाने के बाद लगातार क्षेत्र के लोगों से जुड़ने की कोशिश कर रहे हैं।
- राहुल गांधी नसीराबाद में फिर चाहे दलित युवक की हत्या के मौके पर पहुंचकर परिजनों से मिलने का मामला हो या ऊंचाहार क्षेत्र में दलित परिवार की हत्या पर परिजनों से सीधे बात कर इंसाफ दिलाने की बात हो।
- इसके अलावा राहुल गांधी जिले के विकास और केंद्रीय योजनाओं का जायजा खुद ले रहे हैं।
- इसके लिए जिले में दिशा की बैठक में शिरकत करने खुद पहुंच रहे।
- इस तरह से संदेश देने का प्रयास किया है कि वह जनता से जुड़े छोटे-छोटे कार्यक्रमों में आने के लिए तैयार हैं।
विपक्ष में रहते हुए राहुल गांधी बाखूबी समझतें हैं कि अपने संसदीय क्षेत्र रायबरेली के लिए बहुत कुछ देने के स्थिति में नहीं है। इसलिए सरकारी सिस्टम की सिर्फ पोल ही नहीं खोलते हैं बल्कि खुद के चाहने वालों को यह भरोसा दिलाने की कोशिश है कि रायबरेली के सांसद होने के नाते हर स्तर पर संघर्ष के लिए तैयार हैं। इसके अलावा राहुल गांधी पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं से ही नहीं बल्कि बूछ अध्यक्षों के साथ भी बैठक कर उनके साथ जुड़ने की कवायद है।
रायबरेली से यूपी को साधने का प्लान
2024 के लोकसभा चुनाव में मिली जीत से कांग्रेस के हौसले बुलंद हैं। एक दशक के बाद दिल्ली की सियासत में कांग्रेस की ताकत बढ़ी है तो उत्तर प्रदेश में छह सीटों पर मिली जीत ने दोबारा से उभरने की उम्मीद जगा दी है। कांग्रेस यूपी में साढ़े तीन दशक से सत्ता का वनवास झेल रही है और 2019 में राहुल गांधी को अमेठी में हार का मुंह तक देखना पड़ा था, जिसके चलते 2024 के चुनाव में राहुल गांधी ने अपनी मां सोनिया गांधी की रायबरेली सीट को अपनी कर्मभूमि बनाया।
- वायनाड सीट को छोड़कर रायबरेली को अपने पास रखा है, ताकि यूपी की सियासत में कांग्रेस को दोबारा से सियासी संजीवनी मिल सके।
- राहुल गांधी ने रायबरेली के जरिए यूपी को साधने की रणनीति पर काम शुरू कर दिया है।
- रायबरेली राहुल गांधी की सूची में पहले स्थान पर है।
- इसका जिक्र वह लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान कर चुके हैं।
- इसलिए रायबरेली में खुद को एक्टिव बनाए रखना चाहते हैं, क्योंकि 2019 में सोनिया गांधी सांसद का चुनाव जीतने के बाद आश्वस्त होने के चलते पांच साल तक नहीं आईं हैं।
- विपक्ष यह आरोप लगाता रहा है कि गांधी परिवार सिर्फ चुनाव लड़ने के लिए आते हैं और उसके बाद से क्षेत्र का दौरा नहीं करते हैं।
- रायबरेली से सांसद चुने जाने के बाद राहुल गांधी का पांचवां दौरा है, जिसके जरिए विपक्ष के नैरेटिव को तोड़ने के लिए माना जा रहा है।
रायबरेली के बहाने राहुल गांधी यूपी पर फोकस कर रहे हैं, क्योंकि कांग्रेस लंबे समय से सूबे में अपनी खोई जमीन तलाश रही है और 2024 के नतीजों ने उसे उम्मीद की किरण जगा दी है। यूपी में कांग्रेस 6 लोकसभा सीटें इस बार जीती है और पांच सीटों पर उसे मामूली वोटों से हार का मुंह देखना पड़ा है। 2024 के चुनाव नतीजे से कांग्रेस के लोग उत्साहित हैं। यूपी के लिए कोशिशों का दौर शुरू हो गया है। कांग्रेस ने इसके लिए प्रेशर पॉलिटिक्स की राह चुनी है, ताकि पार्टी का माहौल के साथ-साथ सियासी चर्चा में बने रहे।
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