Hyderabad : सदस्य (अवसंरचना), रेलवे बोर्ड ने इरिसेट का किया दौरा

By Ankit Jaiswal | Updated: August 1, 2025 • 12:18 AM

हैदराबाद। नवीन गुलाटी, सदस्य (अवसंरचना), रेलवे बोर्ड एवं भारत सरकार के पदेन सचिव ने इरिसेट और उत्कृष्टता केंद्र (COE) द्वारा संचालित विभिन्न गतिविधियों के संबंध में इरिसेट का दौरा किया। उन्होंने, महानिदेशक/इरिसेट शरद कुमार श्रीवास्तव और इरिसेट एवं उत्कृष्टता केंद्र (COE) के अधिकारियों के साथ भारतीय रेलवे के अधिकारियों, पर्यवेक्षकों और उद्योग कर्मियों को विभिन्न सिगनल और दूरसंचार गतिविधियों तथा भारतीय रेलवे में कवच के कार्यान्वयन से संबंधित उनके ज्ञान को बढ़ाने हेतु दिए जा रहे प्रशिक्षण की प्रगति की समीक्षा की

विभागाध्यक्षों के समूह को किया संबोधित

नवीन गुलाटी ने इरिसेट में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे क्षेत्रीय रेलवे के सिगनल एवं दूरसंचार विभागों के प्रधान विभागाध्यक्षों के समूह को भी संबोधित किया और सिगनल एवं दूरसंचार पेशेवरों के कौशल विकास तथा भारतीय रेलों पर कवच के शीघ्र क्रियान्वयन की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कवच प्रयोगशाला में संस्थापित विभिन्न प्रशिक्षण उपकरणों और इरिसेट एवं उत्कृष्टता केंद्र (सीओई) द्वारा किए जा रहे अन्य विकास कार्यों का भी अवलोकन किया।

कार्यों की हुई व्यापक समीक्षा

दक्षिण मध्य Railway के महाप्रबंधक संजय कुमार श्रीवास्तव और दक्षिण मध्य Railway के प्रमुख विभागाध्यक्षों के साथ दक्षिण मध्य Railway द्वारा किए जा रहे कार्यों की व्यापक समीक्षा भी की गई। इस अवसर पर सदस्य (अवसंरचना) के साथ रेलवे बोर्ड के वरिष्ठ अधिकारी, विजयलक्ष्मी कौशिक, अपर सदस्य (सिगनल) और सौरभ बंदोपाध्याय, प्रमुख कार्यकारी निदेशक (एस एंड टी)/विकास भी मौजूद थे।

रेल के मालिक कौन थे?

ब्रिटिश शासन के दौरान भारतीय रेल की स्थापना हुई थी, लेकिन आज इसकी मालिक भारत सरकार है। इसका संचालन भारतीय रेलवे नामक सरकारी संस्था के अंतर्गत होता है, जो रेल मंत्रालय द्वारा नियंत्रित की जाती है।

भारत में कुल कितनी एक्सप्रेस ट्रेनें हैं?

लगभग 14,000 यात्री ट्रेनों में से करीब 9,000 एक्सप्रेस और सुपरफास्ट ट्रेनें हैं, जो लंबी दूरी तय करती हैं। इनकी संख्या समय-समय पर बदलती रहती है क्योंकि नई गाड़ियाँ जोड़ी या हटाई जाती हैं।

ट्रेन का जनक कौन था?

दुनिया में ट्रेन के जनक जॉर्ज स्टीफेंसन माने जाते हैं। उन्होंने 1825 में पहली सफल स्टीम इंजन ट्रेन बनाई थी जिसे ‘लोकमोशन’ कहा गया था। भारत में पहली ट्रेन 1853 में चली थी।

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