उत्तराखंड (Uttarakhand) में लगातार बारिश से कल्याणी नदी उफान पर है जिससे रुद्रपुर में बाढ़ आ गई है। जगतपुरा आजादनगर और भूतबंगला जैसे इलाकों में पानी घरों में घुस गया जिससे लोग छतों पर रात बिताने को मजबूर हो गए। SDRF की टीम ने 210 लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है। प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्य जारी है पीड़ितों के लिए भोजन की व्यवस्था की जा रही है।
रुद्रपुर। पहाड़ी व मैदानी क्षेत्रों में दो दिन से लगातार हो रही बारिश (Heavy rain) से कल्याणी नदी ने विकराल रूप ले लिया। इससे कल्याणी नदी उफना गई। आसपास बसे जगतपुरा, आजादनगर, भूतबंग्ला क्षेत्र में बाढ़ आ गई। जिससे बाढ़ का पानी घरों में घुस गया। बाढ़ की विभीषिका से बचने के लिए लोगों ने घरों की छतों पर जागकर रात बिताई। सुबह होते होते इन क्षेत्रों में 5 फीट तक बाढ़ का पानी जमा हो गया।
बुधवार सुबह पांच बजे कल्याणी नदी का जलस्तर बढ़ गया। इससे नदी (River) उफान पर आ गई। जगतपुरा काली मंदिर, मुखर्जीनगर, वार्ड 39, आजादनगर, वार्ड 17, भूतबंग्ला समेत कई मोहल्लों में जलभराव हो गया। इससे मोहल्लेवासियों में हड़कंप मच गया और लोग घरों का सामान निकालने लगे।
बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पहुंचे और रेस्क्यू अभियान चलाया
वहीं, कल्याणी नदी के उफनाने से बाढ़ आने की सूचना पर तत्काल ही एसडीएम मनीष बिष्ट, नगर आयुक्त नरेश चंद्र दुर्गापाल, तहसीलदार दिनेश कुटौला, पुलिस, राजस्व व एसडीआरएफ की टीम के साथ बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पहुंचे और रेस्क्यू अभियान चलाया। जगतपुरा वार्ड 39 के 100, भूतबंग्ला में 50 व आजादनगर में 50 परिवार प्रभावित इनमें, टीमों ने जगतपुरा के प्रभावित परिवारों के 160 लोगों को नजदीकी बालिका विद्या मंदिर व कन्या जूनियर हाईस्कूल, आजादनगर के 50 लोगों को ओम पब्लिक स्कूल में ठहराया है।
ठहराए गए पीड़ितों के भोजन की व्यवस्था की जा रही है
घरों में करीब तीन से चार फीट तक बाढ़ का पानी घुसने से घरों में रखा अनाज, फर्नीचर आदि समान भी भीग गया है। इससे लोगों को भारी फजीहत का सामना करना पड़ रहा है। एसडीएम ने बाढ़ राहत कैम्पों का निरीक्षण कर वहां ठहराए गए पीड़ितों के भोजन की व्यवस्था की जा रही है।
इधर, महापौर विकास शर्मा व ट्रांजिट कैम्प थाने के निरीक्षक महेश चंद्र पांडेय के साथ ट्रैक्टर पर सवार होकर बाढ़ प्रभावित मोहल्लों का निरीक्षण किया।
भारत में सबसे बड़ी बाढ़ कौन है?
1954 में विशाल गंगा नदी पर 72,900 मीटर ऊंची बाढ़ दर्ज की गई थी। … … 1000 किमी 2 से कम क्षेत्रफल वाले क्षेत्रों के लिए, भारत की सबसे ऊंची बाढ़ का परिमाण काफी कम होता है।
2025 में उत्तराखंड बाढ़ में कितने लोग मारे गए थे?
उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में मंगलवार (5 अगस्त, 2025) दोपहर को खीर गंगा नदी में मूसलाधार बारिश के कारण अचानक आई बाढ़ में कम से कम चार लोगों की मौत हो गई और दर्जनों लोगों के बह जाने की आशंका है।
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