जयपुर,। राजस्थान में मानसून (Monsoon) ने रफ्तार पकड़ ली है, लेकिन यह राहत की बजाय आफत बनता जा रहा है। नागौर जिले में हालात इतने खराब हो गए हैं कि सड़कों पर मछलियां तैरती नजर आईं। लगातार हो रही मूसलधार बारिश (Heavy Rain) से तालाब और नदियां उफान पर हैं, और निचले इलाकों में पानी भरने से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। जानकारी अनुसार नागौर के रियाबड़ी इलाके के लाम्पोलाई तालाब में पानी का स्तर बढ़ने से मछलियां तालाब से बाहर आकर सड़कों पर तैरने लगीं। स्थानीय लोगों ने इस दृश्य को अपने मोबाइल में कैद कर लिया, जो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
बारिश ने नागौर जिले के अधिकतर हिस्सों को प्रभावित
बारिश ने नागौर जिले के अधिकतर हिस्सों को प्रभावित किया है, जहां तालाब और नालों का पानी रिहायशी इलाकों में घुस गया है। 24 घंटे में 7 लोगों की मौत मूसलाधार बारिश अब जनजीवन पर भारी पड़ती नजर आ रही है। पिछले 24 घंटों में अलग-अलग जिलों में हादसों में 7 लोगों की मौत हो गई। कहीं दीवार गिरने से, तो कहीं जलभराव के कारण, करंट लगने या डूबने की घटनाएं सामने आई हैं। प्रशासन ने लोगों को सतर्क रहने और सावधानी बरतने की अपील की है।
कोटा बैराज के खुले गेट
कोटा बैराज (Kota Barrage) के दो गेट खोलकर पानी छोड़ा गया है, जिससे निचले इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति बन गई है। अजमेर, पुष्कर, पाली और अब बूंदी जिले में भी हालात गंभीर हो रहे हैं। घरों और दुकानों में 3 से 4 फीट तक पानी भर गया है, जिससे लोग घरों को खाली कर किराए के मकानों या राहत शिविरों में शरण ले रहे हैं।
एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें सक्रिय हैं
गांवों में पलायन शुरू राज्य के कई गांवों में जलभराव के कारण लोगों ने गांव खाली करना शुरू कर दिया है। स्कूलों को अस्थायी राहत केंद्रों में तब्दील किया गया है। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें सक्रिय हैं, लेकिन भारी बारिश ने राहत कार्यों को भी प्रभावित किया है। राजस्थान में लगातार हो रही बारिश भारी नुकसान का कारण बनती जा रही है। प्रशासन हालात पर नजर बनाए हुए है, लेकिन लोगों से एहतियात बरतने और सुरक्षित स्थानों पर रहने की अपील की गई है।

क्या राजस्थान में भारी बारिश होती है?
नागौर राजस्थान के सबसे ज़्यादा प्रभावित ज़िलों में से एक रहा है। भारी बारिश के कारण अजमेर, बूंदी, पाली, पुष्कर और सवाई माधोपुर समेत कई शहरों में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं। भारी बारिश के कारण नदी-नाले और बांध उफान पर होने से राज्य के कई गाँवों का संपर्क टूट गया है।
जयपुर में किस प्रकार की जलवायु है?
जयपुर में मानसून से प्रभावित गर्म अर्ध-शुष्क जलवायु (कोपेन जलवायु वर्गीकरण बीएसएच) है, जिसमें लंबी, अत्यधिक गर्म ग्रीष्मकाल और छोटी, हल्की से गर्म सर्दियां होती हैं।
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