रक्षामंत्री Rajnath Singh IOS सागर को दिखाएंगे हरी झंडी, कारवार नेवल बेस पर करेंगे कई परियोजनाओं का उद्घाटन
भारतीय नौसेना को मजबूती देने और सागरीय रणनीतिक ताकत को बढ़ावा देने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया जा रहा है। रक्षा मंत्री Rajnath Singh आगामी दौरे में IOS सागर नामक विशेष नौसेना पोत को हरी झंडी दिखाएंगे। इसके साथ ही वे कारवार नेवल बेस में कई अहम परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे।
यह कार्यक्रम सिर्फ एक औपचारिक पहल नहीं है, बल्कि भारत के समुद्री सुरक्षा दृष्टिकोण को नई दिशा देने की कोशिश भी है।

IOS सागर क्या है?
IOS सागर (Indian Ocean Surveillance – Sagar) एक आधुनिक निगरानी पोत है जिसे भारतीय नौसेना की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए डिजाइन किया गया है। इसका मुख्य उद्देश्य है:
- हिंद महासागर क्षेत्र में निगरानी करना
- दुश्मन गतिविधियों पर नजर रखना
- तटीय सुरक्षा को मजबूत करना
- बहुउद्देशीय मिशनों को सपोर्ट करना
यह पोत ‘Make in India’ पहल के अंतर्गत विकसित किया गया है और भारत की स्वदेशी सैन्य क्षमताओं का उदाहरण है।
कारवार नेवल बेस का महत्त्व
कारवार, कर्नाटक में स्थित भारत का एक रणनीतिक नेवल बेस है, जो प्रोजेक्ट सीबर्ड का हिस्सा है। यह देश का सबसे बड़ा नौसैनिक अड्डा बनने की ओर अग्रसर है। यहां पर:
- परमाणु पनडुब्बियों की डॉकिंग व्यवस्था
- अत्याधुनिक कमांड सेंटर
- लॉजिस्टिक और मेंटेनेंस फैसिलिटीज
- नौसैनिक कर्मियों के लिए आवासीय परिसर
इस दौरे में रक्षा मंत्री नवीन शिप यार्ड, कम्युनिकेशन सिस्टम, और ट्रेनिंग फैसिलिटीज का भी उद्घाटन करेंगे।

उद्घाटन की प्रमुख परियोजनाएं
- IOS सागर की सेवा में शुरुआत
- कारवार शिप रिपेयर फैसिलिटी
- नेवल ऑफिसर्स ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट
- Advanced Radar Surveillance Setup
इन परियोजनाओं के ज़रिए भारत की ‘Blue Water Navy’ बनने की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति की जा रही है।
समुद्री सुरक्षा में भारत का बढ़ता कदम
इस पूरे अभियान का उद्देश्य सिर्फ तटीय निगरानी नहीं है, बल्कि:
- हिंद महासागर क्षेत्र में प्रभाव बढ़ाना
- चीन जैसी शक्तियों के खिलाफ संतुलन बनाना
- अंतरराष्ट्रीय समुद्री सहयोग को प्रोत्साहन देना
- आत्मनिर्भर रक्षा नीति को जमीन देना
यह पहल न केवल सुरक्षा के लिहाज से, बल्कि रणनीतिक कूटनीति के संदर्भ में भी एक अहम मोड़ साबित हो सकती है।
Rajnath Singh द्वारा IOS सागर को हरी झंडी दिखाना और कारवार बेस में परियोजनाओं का उद्घाटन भारत की समुद्री शक्ति को मजबूती देने की ओर स्पष्ट संकेत है। इन योजनाओं से नौसेना की ताकत तो बढ़ेगी ही, साथ ही भारत की रक्षा तैयारियां और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर छवि भी और बेहतर होगी।