Rajnath Singh SCO में भारत ने नहीं किया साझा बयान पर हस्ताक्षर भारत ने दिखाई अलग राह
SCO बैठक 2025 में भारत ने एक बार फिर अपने कड़े आतंकवाद विरोधी रुख को पूरी मजबूती से दुनिया के सामने रखा। रक्षा मंत्री Rajnath Singh ने बैठक के अंत में प्रस्तुत संयुक्त बयान (Joint Statement) पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया।
भारत का कहना है कि बयान में आतंकवाद को लेकर पर्याप्त और स्पष्ट शब्दों में निंदा नहीं की गई थी।
क्यों किया गया इनकार?
- राजनाथ सिंह ने कहा कि
“भारत किसी भी ऐसे बयान का समर्थन नहीं कर सकता जो आतंकवाद की स्पष्ट और मजबूत निंदा न करे।” - साझा बयान में आतंक के खिलाफ एकरूप और सख्त भाषा के अभाव पर भारत ने आपत्ति जताई
- भारत का मानना है कि जब तक आतंकी संगठनों और उनके समर्थन देने वाले देशों का नाम लेकर निंदा नहीं होती, तब तक यह केवल औपचारिकता भर है

SCO में भारत का रुख
- भारत ने हमेशा से SCO मंच पर आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति की वकालत की है
- राजनाथ सिंह ने कहा,
“आतंकवाद किसी भी रूप में स्वीकार्य नहीं, चाहे उसका उद्देश्य कुछ भी हो।” - उन्होंने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ जैसे हालिया उदाहरणों के जरिए भारत की सख्त सैन्य कार्रवाई का भी हवाला दिया
कौन-कौन देश थे शामिल?
- SCO समिट में रूस, चीन, पाकिस्तान, कजाकिस्तान, उज़्बेकिस्तान जैसे सदस्य देश मौजूद थे
- भारत के इस कदम को साहसिक और स्पष्ट नीति के रूप में देखा जा रहा है
- कुछ देशों ने साझा बयान पर हस्ताक्षर कर दिए, लेकिन भारत के अलग रुख ने अंतरराष्ट्रीय मीडिया का ध्यान खींचा

क्या है इसका राजनीतिक संदेश?
- यह कदम भारत की ओर से यह संकेत है कि वह अब सिर्फ बयानबाज़ी नहीं, बल्कि ठोस कार्यवाही चाहता है
- आतंकवाद पर दोहरे रवैये को लेकर भारत अब वैश्विक मंचों पर समझौता करने को तैयार नहीं
- यह न सिर्फ SCO बल्कि UN और दूसरे मंचों पर भी भारत की साख को मजबूत करता है
Rajnath Singh का SCO में साझा बयान पर हस्ताक्षर से इनकार करना एक कूटनीतिक लेकिन निर्णायक कदम है।
यह भारत की उस नीति को दर्शाता है जिसमें आतंकवाद के खिलाफ कोई नरमी नहीं दिखाई जाती।
अब सभी की निगाहें इस बात पर हैं कि क्या बाकी देश भी भारत की स्पष्टता से प्रेरित होकर मजबूत कदम उठाएंगे या नहीं।