काठमांडू: नेपाल के गृह मंत्री रमेश लेखक(Ramesh Lekhak) ने सोमवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने हिंसक प्रदर्शनों में हुई 19 मौतों की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए यह कदम उठाया। इस्तीफा प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली(KP Sharma Oli) को कैबिनेट बैठक के दौरान सौंपा गया। जनरेशन-जेड के विरोध प्रदर्शनों ने राजधानी में स्थिति को तनावपूर्ण बना दिया है, जिससे सरकार पर दबाव और बढ़ गया है।
गृह मंत्री का निर्णय और कर्फ्यू
गृह मंत्री लेखक(Ramesh Lekhak) ने कहा कि इस त्रासदी के बाद वह पद पर बने नहीं रह सकते। उन्होंने पहले ही अपने सहयोगियों को अवगत करा दिया था कि वह नैतिक आधार पर इस्तीफा देंगे। उनके इस्तीफे से सरकार पर राजनीतिक दबाव और गहरा हो गया है।
काठमांडू सबसे ज्यादा प्रभावित है, जहां प्रशासन ने शीतल निवास(President Office), ग्रीन हाउस, रायणहिती दरबार संग्रहालय और सिंह दरबार क्षेत्र में कर्फ्यू लगाया। इस दौरान लोगों को सभा, जुलूस या किसी भी प्रकार के प्रदर्शन की अनुमति नहीं है। अधिकारियों का कहना है कि इस कदम से स्थिति को काबू में लाने और सुरक्षा बनाए रखने में मदद मिलेगी।
सेना की तैनाती और घायलों की हालत
प्रदर्शनकारियों ने कई जगह बैरिकेड्स तोड़ दिए। हालात बिगड़ने पर सेना को तैनात करना पड़ा। सुरक्षा बलों ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस, पानी की बौछारें, रबर की गोलियां और फायरिंग का इस्तेमाल किया। इस हिंसा में सैकड़ों लोग घायल हुए हैं, जिनमें पत्रकार और सुरक्षाकर्मी भी शामिल हैं।
कई घायलों का काठमांडू के विभिन्न अस्पतालों में इलाज जारी है और कई की स्थिति गंभीर बनी हुई है।
सेना की मौजूदगी ने फिलहाल हालात पर आंशिक नियंत्रण स्थापित किया है। हालांकि लोगों में डर और तनाव का माहौल अब भी बरकरार है।
सोशल मीडिया विवाद और बढ़ता असंतोष
नेपाल कैबिनेट ने 25 अगस्त को निर्णय लिया था कि सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को सात दिन के भीतर रजिस्ट्रेशन कराना होगा। इसके बाद 4 सितंबर को फेसबुक, यूट्यूब, इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप, एक्स और रेडिट समेत 26 प्लेटफॉर्म्स को ब्लॉक कर दिया गया। इस कदम ने जनरेशन-जेड को भड़का दिया और विरोध तेज हो गया।
प्रधानमंत्री ओली ने कहा कि कानून और संविधान की अवहेलना किसी भी हालत में स्वीकार नहीं होगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार सोशल मीडिया के खिलाफ नहीं है, लेकिन सभी कंपनियों को पंजीकरण की प्रक्रिया पूरी करनी होगी।
रमेश लेखक ने इस्तीफा क्यों दिया?
गृह मंत्री रमेश लेखक ने हिंसक प्रदर्शनों में हुई 19 मौतों की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दिया। उनका कहना था कि इस त्रासदी के बाद वह पद पर बने रहना उचित नहीं समझते।
नेपाल में विरोध की शुरुआत कैसे हुई?
विरोध की शुरुआत सरकार द्वारा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के अनिवार्य रजिस्ट्रेशन और उसके बाद 26 प्लेटफॉर्म्स को ब्लॉक करने से हुई। इस फैसले ने युवाओं को नाराज किया और धीरे-धीरे यह आंदोलन हिंसक होता चला गया।
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