राणा सांगा पर बयान को लेकर संसद में हंगामा

By digital@vaartha.com | Updated: March 28, 2025 • 6:44 AM

राज्यसभा में समाजवादी पार्टी के सांसद रामजी लाल सुमन के राणा सांगा पर दिए बयान को लेकर गुरुवार को जमकर हंगामा हुआ। सुमन ने अपने भाषण में राणा सांगा को “गद्दार” करार देते हुए दावा किया था कि उन्होंने मुगल बादशाह बाबर को भारत में बुलाकर इब्राहिम लोदी को हराने में मदद की थी। उनके इस बयान ने राजनीतिक बवाल खड़ा कर दिया, खासकर भारतीय जनता पार्टी ने इसे राजपूत समाज का अपमान बताया और माफी की मांग की।

बीजेपी सांसद डॉ. राधा मोहन दास ने कहा कि अगर रामजी लाल सुमन अपने बयान पर सफाई देकर माफी मांग लेते, तो यह विवाद खत्म हो सकता था। लेकिन उन्होंने अपने बयान पर अडिग रहते हुए कहा कि वह अपनी बात वापस नहीं लेंगे, चाहे कुछ भी हो जाए। बीजेपी सांसदों ने इसे सोच-समझकर दिया गया बयान बताया और उनकी मंशा पर सवाल उठाए।

जब सदन में इस मुद्दे पर चर्चा हो रही थी, तो विपक्षी सदस्यों ने बीच-बीच में टोका-टाकी की, जिस पर डॉ. राधा मोहन दास ने कहा कि अगर उन्होंने जोर से बोलना शुरू किया, तो पूरा सदन प्रभावित हो जाएगा। मामले को लेकर संसद में तनाव बना रहा और बीजेपी सांसदों ने जोरदार विरोध दर्ज कराया।

राणा सांगा विवाद गहराया, संसद में हंगामा और सड़कों पर प्रदर्शन

राज्यसभा में हुए हंगामे के बाद सभापति ने सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी। लेकिन यह विवाद संसद से बाहर भी तूल पकड़ने लगा। राजस्थान और उत्तर प्रदेश में राजपूत संगठनों, खासकर करणी सेना, ने समाजवादी पार्टी सांसद रामजी लाल सुमन के खिलाफ प्रदर्शन शुरू कर दिए। आगरा में करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने सुमन के घर के बाहर विरोध किया, जिससे पुलिस के साथ झड़प हुई और कई प्रदर्शनकारी घायल हो गए। संगठन ने सांसद की सदस्यता रद्द करने की मांग उठाई।

इस मुद्दे पर इतिहासकारों के बीच भी बहस छिड़ गई। कुछ इतिहासकारों का कहना है कि राणा सांगा ने बाबर के खिलाफ खानवा का युद्ध लड़ा था, न कि उसे भारत बुलाया था। वहीं, समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने सफाई दी कि उनकी पार्टी का मकसद किसी समाज का अपमान करना नहीं है।

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