RBI Cryptocurrency Policy क्रिप्टो पर RBI का रुख सख्त
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने एक बार फिर स्पष्ट किया है कि उसकी क्रिप्टोकरेंसी पर नीति में कोई बदलाव नहीं हुआ है। गवर्नर संजय मल्होत्रा ने 6 जून 2025 को मौद्रिक नीति की समीक्षा के बाद कहा कि क्रिप्टोकरेंसी वित्तीय स्थिरता और मौद्रिक नीति के लिए खतरा बन सकती है।
क्रिप्टोकरेंसी पर RBI की चिंता
गवर्नर मल्होत्रा ने कहा, “क्रिप्टोकरेंसी के संबंध में कोई नई प्रगति नहीं हुई है। सरकार की एक समिति इस पर काम कर रही है। हम क्रिप्टोकरेंसी को लेकर चिंतित हैं क्योंकि यह वित्तीय स्थिरता और मौद्रिक नीति को प्रभावित कर सकती है।”
सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी
मई 2025 में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा था कि वह क्रिप्टोकरेंसी पर स्पष्ट नीति क्यों नहीं बना रही है। कोर्ट ने बिटकॉइन ट्रेडिंग की तुलना हवाला कारोबार से की थी, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि न्यायपालिका इस मुद्दे को गंभीरता से ले रही है।
वर्तमान स्थिति
वर्तमान में भारत में क्रिप्टोकरेंसी पर कोई स्पष्ट कानून नहीं है। हालांकि, 2022 के बजट में क्रिप्टोकरेंसी से होने वाली आय पर 30% टैक्स और 1% TDS लगाया गया था। यह टैक्स नीति क्रिप्टोकरेंसी को कानूनी मान्यता नहीं देती है, बल्कि इसे एक कर योग्य संपत्ति के रूप में मानती है।
भविष्य की दिशा
सरकार एक अंतर-मंत्रालयी समूह (IMG) के माध्यम से क्रिप्टोकरेंसी पर एक चर्चा पत्र तैयार कर रही है,
जो जून 2025 में जारी किया जा सकता है।
यह चर्चा पत्र अंतरराष्ट्रीय मानकों और विभिन्न देशों की नीतियों का अध्ययन करेगा,
जिससे भारत में क्रिप्टोकरेंसी पर स्पष्ट नीति बनाने में मदद मिलेगी।
RBI की क्रिप्टोकरेंसी पर नीति स्पष्ट है: यह वित्तीय स्थिरता और मौद्रिक नीति के लिए खतरा है।
जब तक सरकार इस पर स्पष्ट नीति नहीं बनाती,
तब तक क्रिप्टोकरेंसी भारत में एक अनियमित और जोखिमपूर्ण निवेश विकल्प बनी रहेगी।