RBI Interest Rate Outlook: क्या आगे और कटौती संभव है?
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने जून 2025 में रेपो रेट को 50 बेसिस पॉइंट्स घटाकर 5.50% कर दिया है,
जो इस वर्ष की तीसरी और सबसे बड़ी कटौती है।
इस निर्णय के साथ ही मौद्रिक नीति का रुख ‘अकोमोडेटिव’ से ‘न्यूट्रल’ कर दिया गया है,
जिससे संकेत मिलता है कि भविष्य में दरों में और कटौती की संभावना सीमित हो सकती है।

गवर्नर संजय मल्होत्रा के संकेत
RBI के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा, “फरवरी 2025 से अब तक 100 बेसिस पॉइंट्स की कटौती के बाद, मौद्रिक नीति के पास वृद्धि का समर्थन करने के लिए बहुत सीमित स्थान बचा है।
” उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि भविष्य की दरों में बदलाव आर्थिक आंकड़ों और वैश्विक परिस्थितियों पर निर्भर करेगा।
आर्थिक विशेषज्ञों की राय
विशेषज्ञों का मानना है कि RBI ने मौद्रिक नीति को पहले से ही ‘फ्रंट-लोड’ कर दिया है, जिससे आगे की कटौती की संभावना कम हो गई है। यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, “हम मानते हैं कि यह ‘स्टेल्थ ईज़िंग’ अब दरों में कटौती के चक्र का अंत है, और टर्मिनल रेपो रेट 5.50% पर स्थिर रहेगा।”

भविष्य की संभावनाएं
हालांकि, यदि भविष्य में मुद्रास्फीति नियंत्रण में रहती है और आर्थिक वृद्धि में मंदी आती है, तो RBI आगे की कटौती पर विचार कर सकता है।
लेकिन वर्तमान संकेतों के अनुसार, निकट भविष्य में दरों में और कटौती की संभावना कम है।