RBI Profit महंगाई के बीच क्यों सरकार को देता है अपना मुनाफा?
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) हर साल सरकार को हजारों करोड़ रुपये का लाभ यानी मुनाफा ट्रांसफर करता है। लेकिन सवाल उठता है कि जब RBI की मुख्य जिम्मेदारी महंगाई पर काबू पाना है, तो फिर वो सरकार को यह भारी-भरकम पैसा क्यों देता है?
इस सवाल के जवाब में अर्थशास्त्र, वित्तीय नीति और मौद्रिक नियंत्रण की जटिलताएं छिपी हैं।
RBI का मुनाफा आता कहां से है?
RBI Profit विभिन्न स्रोतों से आता है:
- विदेशी मुद्रा भंडार पर ब्याज
- सरकारी बॉन्ड्स पर रिटर्न
- बैंकों को दिए जाने वाले लोन पर ब्याज
- करेंसी छपाई से होने वाली आय
- गोल्ड रिज़र्व की वैल्यूएशन गेन
इसमें से एक हिस्सा संचालन व्यय में जाता है, और बाकी सरकार को ट्रांसफर कर दिया जाता है।

सरकार को मुनाफा क्यों दिया जाता है?
RBI भारत सरकार का केंद्रीय बैंक है। इसलिए वह जो भी लाभ अर्जित करता है, उसका एक बड़ा भाग सरकार के खजाने में जमा कर देता है, जिससे उसे कई लाभ होते हैं:
- राजकोषीय घाटा कम होता है
- सरकारी योजनाओं को वित्तीय समर्थन
- सब्सिडी और सामाजिक योजनाएं चलाने में मदद
- आपदा प्रबंधन या युद्धकाल जैसी स्थिति में उपयोग
क्या इससे महंगाई नियंत्रण पर असर पड़ता है?
हां, RBI Profit का सरकार को ट्रांसफर एक डबल-एज्ड तलवार की तरह है:
- अगर सरकार इस पैसे का उपयोग सिर्फ खर्च के लिए करती है, तो बाजार में पैसे की मात्रा बढ़ सकती है, जिससे महंगाई बढ़ने का खतरा होता है।
- लेकिन अगर सरकार इसे राजकोषीय घाटा कम करने या निवेश जैसे प्रोडक्टिव उपयोग में लाती है, तो इसका सकारात्मक प्रभाव भी हो सकता है।
2024-25 में कितना ट्रांसफर हुआ?
हाल ही में, RBI ने 2.11 लाख करोड़ रुपये का लाभ सरकार को ट्रांसफर किया, जो अब तक का सबसे बड़ा ट्रांसफर है। यह ट्रांसफर इसलिए भी अहम है क्योंकि इस समय सरकार को:
- इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश
- रोजगार सृजन
- महंगाई नियंत्रण जैसे विषयों में भारी फंड की जरूरत है।

इसका सीधा लाभ आम लोगों को कैसे मिलता है?
- टैक्स नहीं बढ़ाना पड़ता
- जन कल्याण योजनाओं में कटौती नहीं होती
- सरकारी सब्सिडी और योजनाएं जारी रहती हैं
- निवेश बढ़ने से रोज़गार के अवसर पैदा होते हैं
RBI Profit सरकार को देने का मकसद केवल बजटीय सहारा देना नहीं है, बल्कि यह देश की समग्र आर्थिक व्यवस्था को संतुलन में रखने का माध्यम भी है। हां, इसके उपयोग की दिशा अगर गलत हो, तो महंगाई जैसे संकट गहरा सकते हैं।
इसलिए जरूरी है कि सरकार और RBI मिलकर यह सुनिश्चित करें कि इस धन का उपयोग संतुलित और विवेकपूर्ण तरीके से किया जाए। तभी जाकर महंगाई नियंत्रण और आर्थिक विकास दोनों लक्ष्य पूरे हो सकते हैं।