सुरक्षा उपकरणों की जानकारी नहीं: रिपोर्ट
हैदराबाद। तेलंगाना राज्य सड़क परिवहन निगम (TGSRTC) की बसों में यात्रा करने वाली अधिकांश महिला यात्रियों ने अपनी यात्रा के दौरान असुविधा का अनुभव होने की बात कही है और इनमें से काफी संख्या में महिलाएं या तो ऐप या helplines जैसे सुरक्षा उपकरणों के बारे में अनजान थीं या उन्होंने कभी उनका उपयोग ही नहीं किया था। ईथेम्स बिजनेस स्कूल के युवा शोधकर्ताओं के एक समूह द्वारा हाल ही में किए गए अध्ययन में बेहतर सहायता प्रणाली, जागरूकता और साझा यात्री जिम्मेदारी की आवश्यकता पर जोर दिया गया। टीजीएसआरटीसी प्रतिदिन 9,000 से अधिक बसों का संचालन करती है, जो तेलंगाना में 40 लाख से अधिक यात्रियों को सेवा प्रदान करती हैं, जिनमें से एक महत्वपूर्ण अनुपात महिलाएं हैं।
यात्रियों की संख्या बढ़ने से होती है परेशानी
हालाँकि, यात्रियों की संख्या बढ़ने के साथ-साथ भीड़भाड़, आराम और सुरक्षा की चुनौतियाँ भी बढ़ती हैं। ईथेम्स द्वारा किए गए इस अध्ययन का उद्देश्य सभी के लिए यात्रा की गरिमा में सुधार लाने के व्यावहारिक और कार्यान्वयन योग्य सुझावों पर प्रकाश डालकर मौजूदा प्रयासों में सकारात्मक योगदान देना है। यह अध्ययन 43 दिनों तक चला और इसमें 480 महिला यात्रियों का सर्वेक्षण किया गया तथा हैदराबाद में बस मार्गों पर 20 से अधिक साक्षात्कार लिए गए। सर्वेक्षण में शामिल 52 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने असुविधा का अनुभव होने की बात कही, जबकि केवल 23 प्रतिशत ही एप या हेल्पलाइन जैसे सुरक्षा उपकरणों के बारे में जानते थे या उनका उपयोग करते थे। प्रमुख चिंताओं में भीड़भाड़, कम प्रशिक्षित कर्मचारी और शिकायतों की सीमित दृश्यता शामिल थी। छात्र शोधकर्ताओं ने सार्वजनिक परिवहन को अधिक सम्मानजनक और उत्तरदायी बनाने के लिए मौजूदा प्रणाली में सुधार का प्रस्ताव रखा।
सिफारिशों में कई अहम बातें शामिल
सुरक्षित, समावेशी यात्रा के लिए सिफारिशों में आरटीसी कर्मचारियों के लिए लिंग संवेदनशीलता प्रशिक्षण, बसों और टर्मिनलों में क्यूआर-कोड-आधारित शिकायत प्रणाली, प्रमुख बस स्टॉप पर बेहतर प्रकाश व्यवस्था और स्वच्छ शौचालय, व्यस्त समय के दौरान केवल महिलाओं के लिए बसें, और साथी यात्रियों को सशक्त बनाने के लिए दर्शक प्रशिक्षण और सादे कपड़ों और वर्दीधारी कर्मचारियों के साथ सहयोगात्मक पुलिसिंग शामिल हैं। टीजीएसआरटीसी के प्रबंध निदेशक वी.सी. सज्जनार ने कहा कि आरटीसी महिला सुरक्षा और सम्मान को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है। हम ईथेम्स अध्ययन की सराहना करते हैं, और इसके कई सुझावों पर पहले से ही काम चल रहा है, जैसे बसों की संख्या बढ़ाना, चालक दल का प्रशिक्षण, सुरक्षा हेल्पलाइन, सीसीटीवी, बस ट्रैकिंग ऐप्स और शी टीम्स के साथ सहयोग। निरंतर सुधार हमारी प्राथमिकता बनी हुई है।

तेलंगाना का पुराना नाम क्या था?
राज्य का ऐतिहासिक नाम है “हैदराबाद राज्य”। यह क्षेत्र हैदराबाद निजाम के अधीन था। 1948 में भारत में विलय के बाद इसे आंध्र प्रदेश में मिला दिया गया था। 2 जून 2014 को आंध्र प्रदेश से अलग होकर यह एक स्वतंत्र राज्य बना।
तेलंगाना में कितने स्टेट हैं?
राज्य भारत का एक राज्य है और इसके अंतर्गत कोई अन्य राज्य (स्टेट) नहीं आते। इसमें कुल 33 जिले हैं, जिन्हें प्रशासनिक इकाइयों के रूप में माना जाता है। राज्य के अंतर्गत मंडल, तालुका और गांव जैसे छोटे उपखंड आते हैं।
तेलंगाना की साक्षरता दर क्या है?
2024 के अनुमान के अनुसार, तेलंगाना की औसत साक्षरता दर लगभग 72.8% है। इसमें पुरुषों की साक्षरता दर लगभग 80% और महिलाओं की लगभग 65% है। शहरी क्षेत्रों की तुलना में ग्रामीण इलाकों की साक्षरता दर कम पाई जाती है।
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