पैदल ही ईडी दफ्तर पहुंचे Robert Vadra, लैंड डील केस में पूछताछ जारी
नई दिल्ली: कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा के पति Robert Vadra एक बार फिर से प्रवर्तन निदेशालय (ED) के रडार पर हैं। हरियाणा के लैंड डील केस में समन मिलने के बाद वाड्रा सोमवार को पैदल ही ईडी ऑफिस पहुंच गए, जिससे न केवल मीडिया में हलचल मच गई बल्कि इस पूरे मामले ने एक बार फिर राजनीतिक रंग भी ले लिया।
क्या है मामला?
यह मामला हरियाणा और राजस्थान की कुछ जमीनों की संदिग्ध खरीद-फरोख्त से जुड़ा है। आरोप है कि वाड्रा की कंपनियों ने बहुत ही कम कीमत पर जमीनें खरीदीं और फिर कुछ ही समय बाद उन्हें ऊंची कीमतों पर बेच दिया। ईडी के मुताबिक, इस प्रक्रिया में कई नियमों की अनदेखी हुई और यह मनी लॉन्ड्रिंग का मामला बनता है।

किस आधार पर जारी हुआ समन?
प्रवर्तन निदेशालय को कुछ ऐसे दस्तावेज मिले हैं जिनमें स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड (वाड्रा की कंपनी) के लेनदेन पर सवाल उठाए गए हैं। इसके आधार पर ईडी ने Robert Vadra को पूछताछ के लिए तलब किया है। इससे पहले भी इस मामले में उनसे कई बार पूछताछ हो चुकी है।
पैदल चलने का संदेश?
Robert Vadra का पैदल चलकर ईडी दफ्तर पहुंचना सिर्फ एक साधारण यात्रा नहीं थी, बल्कि इसे राजनीतिक संदेश के तौर पर भी देखा जा रहा है। कुछ विश्लेषकों का मानना है कि यह कदम “सत्य के साथ खड़े होने” का प्रतीक था। वहीं, विपक्ष ने इसे ड्रामा करार दिया है।
क्या कहा वाड्रा ने?
ईडी दफ्तर पहुंचने से पहले Robert Vadra ने मीडिया से बात करते हुए कहा:
“मुझ पर जो आरोप लगाए जा रहे हैं, वे राजनीतिक रूप से प्रेरित हैं। मैं कानून का सम्मान करता हूं और हर तरह की जांच में सहयोग करूंगा।”
उन्होंने यह भी कहा कि वर्षों से उन्हें एक ही मामले में घसीटा जा रहा है जबकि उन्होंने हर दस्तावेज उपलब्ध करवाए हैं।

जांच का क्या असर पड़ेगा?
अगर जांच में Robert Vadra के खिलाफ ठोस सबूत मिलते हैं तो उन्हें कोर्ट में पेश किया जा सकता है। हालांकि, अभी तक की पूछताछ में कोई बड़ा खुलासा सार्वजनिक नहीं किया गया है।
इससे पहले भी यह मामला कई बार मीडिया में आया, लेकिन कानूनी प्रक्रिया के चलते कोई अंतिम फैसला नहीं हुआ।
राजनीतिक माहौल पर असर
- कांग्रेस पार्टी इस पूरे मामले को एक राजनीतिक साजिश बता रही है।
- वहीं, बीजेपी का कहना है कि कानून सभी के लिए बराबर है और किसी को भी विशेष छूट नहीं मिलनी चाहिए।
इस घटनाक्रम ने लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारियों के बीच राजनीतिक बहस को और गर्मा दिया है।
Robert Vadra का ईडी दफ्तर पहुंचना और पूछताछ में शामिल होना न केवल कानूनी प्रक्रिया का हिस्सा है, बल्कि इसे राजनीति के चश्मे से भी देखा जा रहा है। अब देखना यह होगा कि जांच एजेंसियों के पास कितना ठोस सबूत है और आने वाले दिनों में यह केस किस दिशा में बढ़ता है।