3D मैप बनाएंगे, पहली बार इंसान को दिखेगा समुद्र का ऐसा नजारा
ऑस्ट्रेलियाई वैज्ञानिकों ने ऑटोमेटिक अंडरवाटर रोबोट की मदद से दक्षिण प्रशांत महासागर में अनदेखी समुद्री चट्टानों और बायोडायवर्सिटी की स्टडी शुरू की है. यह अभियान नॉरफॉक द्वीप (सिडनी से 1,600 किमी दूर) के आसपास चल रहा है, जहां रोबोट्स 3D मैपिंग करते हुए समुद्री जीवन की हजारों तस्वीरें ले रहे हैं।
सिडनी: विज्ञान की दुनिया में अब महासागर की रहस्यमयी गहराइयों को उजागर करने की बारी है. ऑस्ट्रेलियाई वैज्ञानिकों की एक टीम समुद्र के ऐसे हिस्सों की खोज में लगी है, जो अब तक इंसानी आंखों से छिपे हुए थे. सिडनी विश्वविद्यालय की अगुवाई में दक्षिण प्रशांत महासागर में चल रहे इस मिशन में अत्याधुनिक पानी के नीचे काम करने वाले स्वायत्त रोबोट्स की मदद ली जा रही है, जो न केवल गहराइयों की टोह ले रहे हैं, बल्कि समुद्र तल का 3डी नक्शा भी तैयार कर रहे हैं।
क्या कर रहे हैं ये रोबोट?
इन हाई-टेक रोबोट्स को कैमरा और सेंसर से लैस किया गया है. ये हजारों तस्वीरें खींचते हैं और समुद्र के तल की संरचना को इस तरह दर्ज कर रहे हैं, जैसे कि एक कलाकृति को सूक्ष्मता से नापा जा रहा हो. इन तस्वीरों और सेंसर डेटा के ज़रिए वैज्ञानिक 3डी मैप तैयार करेंगे, जिससे समुद्र की अनदेखी दुनिया को पहली बार इस हद तक विस्तार से देखा जा सकेगा।
सिडनी विश्वविद्यालय के ऑस्ट्रेलियन रोबोटिक्स सेंटर से जुड़े स्टीफन विलियम्स के अनुसार, यह पहली बार है जब नॉरफॉक रिज क्षेत्र के समुद्र तल को इतने उच्च स्तर पर डॉक्युमेंट किया जा रहा है.
नॉरफॉक द्वीप क्यों है खास?
नॉरफॉक द्वीप, सिडनी से 1,600 किलोमीटर उत्तर-पूर्व में स्थित है. यह छोटा-सा द्वीप दक्षिण प्रशांत महासागर में एक अहम पारिस्थितिक क्षेत्र के रूप में जाना जाता है. यह द्वीप न केवल भूगर्भीय दृष्टिकोण से रोचक है, बल्कि जैव विविधता के लिहाज से भी बेहद समृद्ध है. इसकी खास बात यह है कि यह उष्णकटिबंधीय (tropical) और समशीतोष्ण (temperate) पारिस्थितिक तंत्रों का संगम है, जो इसे जलवायु परिवर्तन और प्रजातियों के माइग्रेशन को ट्रैक करने के लिए एक आदर्श स्थान बनाता है।
ऑस्ट्रेलियाई संग्रहालय अनुसंधान संस्थान के कार्यवाहक मुख्य वैज्ञानिक शेन अहयोंग ने बताया कि नॉरफॉक द्वीप दरअसल न्यू कैलेडोनिया और न्यूजीलैंड के बीच एक समुद्री पुल की तरह काम करता है, जहां विभिन्न प्रकार की प्रजातियां एक-दूसरे से मिलती और विकसित होती हैं।
क्या खोज रहे हैं वैज्ञानिक?
इस अंतरराष्ट्रीय अभियान का उद्देश्य है- समुद्री जीवन की बारीक जानकारी जुटाना और जैव विविधता का एक विस्तृत डेटाबेस बनाना. इसके लिए वैज्ञानिक मछलियों, प्रवालों, मोलस्क और समुद्री शैवाल जैसे नमूनों को एकत्र कर रहे हैं. समुद्री नमूनों का यह संग्रह न केवल वैज्ञानिक अनुसंधानों में मदद करेगा, बल्कि आने वाले समय में समुद्री पारिस्थितिक तंत्र को बचाने के लिए भी अहम साबित होगा।
वैज्ञानिकों की जासूसी, पर्यावरण के लिए वरदान
पानी के नीचे चल रहे ये ‘रोबोट जासूस’ मानव गोताखोरों की पहुंच से बाहर के क्षेत्रों की खोज कर रहे हैं. समुद्र के अंधेरे और अत्यधिक दबाव वाले इन क्षेत्रों में जाना आमतौर पर संभव नहीं होता. लेकिन अब रोबोट्स की मदद से वैज्ञानिक वहां की वास्तविक परिस्थितियों को रिकॉर्ड कर पा रहे हैं।