Karnataka : एससी-एसटी के लोगों को भेदभाव से बचाएगा रोहित वेमुला बिल

By Anuj Kumar | Updated: July 15, 2025 • 1:09 PM

बेंगलुरु। कर्नाटक की कांग्रेस सरकार एक ऐसा बिल लाने जा रही है जो अल्पसंख्यकों और एससी-एसटी के लोगों को भेदभाव से बचाएगा। इस बिल में भेदभाव करने वालों को जेल और जुर्माने का प्रावधान किया गया है। साल 2016 में आत्महत्या करने वाले दलित पी एचडी छात्र रोहित वेमुला (Rohit Vemula) के नाम पर यह विधेयक विधानसभा के मॉनसून सत्र के दौरान पेश हो सकता है।

खबर है कि इसमें भेदभाव करने के दोषियों (Culprits) के खिलाफ भारी सजा के प्रावधान हैं। हालांकि, इसके प्रावधानों को लेकर लेकर राज्य सरकार की ओर से आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है। कर्नाटक रोहित वेमुला (बहिष्कार या अन्याय निवारण) (शिक्षा और सम्मान का अधिकार) विधेयक, 2025 मॉनसून सत्र के दौरान पेश किया जा सकता है। इसमें अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक शामिल होंगे।

अपराध साबित होने पर जमानत नहीं हो सकेगी

खबर है कि बिल का मकसद एससी (SC) एसटी, ओबीसी और अल्पसंख्यकों को निजी और सरकारी विश्वविद्यालयों में शिक्षा का अधिकार और शिक्षा तक पहुंच मुहैया कराना है। रिपोर्ट के अनुसार, मसौदे में कहा गया है कि इसके तहत अपराध साबित होने पर जमानत नहीं हो सकेगी। साथ ही अगर कोई भेदभाव करता है या भेदभाव में सहयोग करता है या उकसाता है, तो उसे सजा दी जाएगी। पहली बार अपराध करने पर एक साल की जेल और 10 हजार रुपये जुर्माने का प्रावधान है। साथ ही अदालत मुआवजा को सीधे पीड़ित को देने की अनुमति दे सकती हैं। यह धनराशि 1 लाख तक जा सकती है।

तीन साल की जेल और 1 लाख रुपये के जुर्माने का प्रावधान है।

बार-बार अपराध करने पर तीन साल की जेल और 1 लाख रुपये के जुर्माने का प्रावधान है। खबर है कि अगर कोई संस्थान सभी वर्गों, जातियों, पंथों, लिंगों या राष्ट्रों के लिए शिक्षा उपलब्ध कराने के प्रावधानों का उल्लंघन करती है, तो उसपर भी ऐसा ही दंड लगेगा। रिपोर्ट के अनुसार, बिल में बताया गया है कि राज्य सरकार की तरफ से ऐसे संस्थानों को आर्थिक मदद या अनुदान नहीं दिया जाएगा। हैदराबाद विश्विद्यालय के छात्र रहे रोहित वेमुला ने जनवरी, 2016 में कथित जातिगत भेदभाव के कारण आत्महत्या कर ली थी। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी को पत्र लिखकर ‘रोहित वेमुला अधिनियम’लागू करने के लिए कहा था।


कर्नाटक में एससी एसटी का प्रतिशत कितना है?

राज्य की अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति की जनसंख्या का प्रतिशत क्रमशः 17.15% और 6.95% है।


एससी एसटी में कितना पैसा मिलता है?

एससी/एसटी समुदाय के सदस्यों पर हुए अत्याचारों के लिए मुआवजे की राशि अपराध की प्रकृति के अनुसार अलग-अलग होती है। आमतौर पर, यह राशि 85,000 रुपये से लेकर 8.25 लाख रुपये तक हो सकती है।

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