छह लोगों के एक गिरोह को पुलिस ने किया गिरफ्तार
वानापर्थी। जिला पुलिस ने एक पुलिस कांस्टेबल (Police Constable) समेत छह लोगों के एक गिरोह का भंडाफोड़ किया है, जो जाली दस्तावेजों के आधार पर आवास ऋण लेकर कई बैंकों से धोखाधड़ी कर रहा था। गौरतलब है कि तेलंगाना (Telangana) पुलिस विभाग की ‘भद्रता’ शाखा, जो पुलिसकर्मियों को आवास ऋण प्रदान करती है, धोखाधड़ी के शिकार लोगों में शामिल थी। विवरण का खुलासा करते हुए जिला पुलिस अधीक्षक आर गिरिधर ने सोमवार को मीडियाकर्मियों को बताया कि गिरोह का नेतृत्व पुलिस कांस्टेबल बंडारू राकेश कर रहा था, जो रियल एस्टेट के कारोबार में शामिल होने के लिए पांच साल से अधिक समय से लंबी छुट्टी पर था।
89.3 लाख रुपये के लिए गए ऋण
इस गिरोह में पी हरीश कुमार, टी मल्लेश, जी संदीप, एस शेखर और बी किशोर कुमार शामिल थे। उनकी कार्यप्रणाली में संपत्तियों के जाली दस्तावेज़ बनाना और इंडियन ओवरसीज़ बैंक (आईओबी), एचडीएफसी, एलआईसी हाउसिंग फाइनेंस और भद्रता शाखा सहित कई बैंकों से आवास ऋण के लिए आवेदन करना शामिल था। एक मामले में, एस शेखर के स्वामित्व वाले एक मकान को राकेश द्वारा खरीदे जाने का दिखावा करने के लिए जाली दस्तावेज़ तैयार किए गए। इन दस्तावेज़ों का इस्तेमाल करके आईओबी, एचडीएफसी, एलआईसी और भद्रता से 89.3 लाख रुपये के ऋण लिए गए।
38 लाख रुपये का लिया गया ऋण
एक अन्य मामले में, गिरोह ने फर्जी दस्तावेज़ तैयार किए, जिनमें बताया गया कि एस शेखर, टी. श्रीनिवासुलु से एक मकान खरीद रहा है और उसने एचडीएफसी और भद्रता से 57.59 लाख रुपये का ऋण लिया। बाद में यही मकान प्रताप नाम के एक व्यक्ति को 40 लाख रुपये में बेच दिया गया। तीसरे मामले में, शिवशंकर के स्वामित्व वाले एक मकान की खरीद दिखाने के लिए स्वाति नाम की एक महिला के नाम से जाली दस्तावेज़ तैयार किए गए। एलआईसी से 38 लाख रुपये का ऋण लिया गया। फिर यह संपत्ति अरुण बाशा को बेच दी गई और भद्रता से 37 लाख रुपये और लिए गए।
2.61 करोड़ रुपये का हासिल किया ऋण
कुल मिलाकर गिरोह ने धोखाधड़ी से 2.61 करोड़ रुपये का ऋण हासिल किया। अधीक्षक ने कहा कि बैंकों और भद्रता शाखा के अधिकारियों की संभावित संलिप्तता की गहन जाँच की जाएगी। उन्होंने जाँच दल के प्रयासों की सराहना की, जिसमें वानापर्थी के सीआई एम कृष्णैया, एसआई हरिप्रसाद, रामाराजू, विजयकुमार और अन्य शामिल थे।
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