राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के वरिष्ठ नेता इंद्रेश कुमार ने हाल ही में चीन द्वारा बौद्धों को लेकर एक नई साजिश रचने का आरोप लगाया है। उन्होंने दावा किया कि चीन बौद्ध धर्म को लेकर भारत में अस्थिरता फैलाने की कोशिश कर रहा है। इस संदर्भ में उन्होंने विशेष रूप से तिब्बती बौद्धों और उनके धार्मिक स्थलों की सुरक्षा पर चिंता जताई।
इंद्रेश कुमार का बयान
इंद्रेश कुमार ने कहा, “चीन की नीतियां भारत में बौद्ध धर्म को लेकर अस्थिरता पैदा करने की कोशिश कर रही हैं।” उन्होंने यह भी कहा कि चीन तिब्बत में बौद्ध धर्म के अनुयायियों को दबाने और उनके धार्मिक स्थलों को नष्ट करने की कोशिश कर रहा है।
तिब्बती बौद्धों की स्थिति
तिब्बत में बौद्ध धर्म के अनुयायी लंबे समय से चीन की नीतियों का विरोध कर रहे हैं। चीन ने तिब्बत में बौद्ध धर्म के धार्मिक स्थलों को नियंत्रित करने और तिब्बती बौद्ध धर्मगुरु दलाई लामा के प्रभाव को कम करने के लिए कई कदम उठाए हैं। इंद्रेश कुमार ने तिब्बती बौद्धों की धार्मिक स्वतंत्रता की रक्षा की आवश्यकता पर जोर दिया।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के वरिष्ठ नेता इंद्रेश कुमार ने धर्म और पहचान के नाम पर चीन पर बड़ी साजिश करने का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि चीन की कोशिश तिब्बत समेत हिमालयी क्षेत्र में रहने वाले बौद्धों लोगों की पहचान को कमजोर करने और उनकी संस्कृति को कमजोर करने की है. उन्होंने यह भी कहा कि तिब्बतियों और हिंदुओं को इस बात के लिए जागरूक किया जाना चाहिए कि धर्मांतरण का मतलब पहचान बदलना है।
इंद्रेश कुमार चीनी बॉर्डर से लगे बौद्ध बहुल आदिवासी जिलों लाहौल और स्पीति तथा किन्नौर के अपने चार दिवसीय दौरे पर थे. दौरे के बाद इंद्रेश ने शिमला में मीडियाकर्मियों से बातचीत करते हुए कहा कि चीन, तिब्बत समेत हिमालयी क्षेत्र में बौद्ध समाज के लोगों की पहचान को कमजोर करने और उनकी संस्कृति को खत्म करने की कोशिश कर रहा है. आरएसएस के वरिष्ठ नेता ने यह भी दावा किया कि तिब्बत पर कब्जा करने के बाद चीन तिब्बती और हिमालयी बौद्ध लड़कियों के साथ चीनी युवकों की शादी कराकर उनकी पहचान को कमजोर कर रहा है।
धार्मिक-आध्यात्मिक मामलों में हस्तक्षेप बर्दाश्त नहींः इंद्रेश
आरएसएस नेता ने यह भी कहा, “चीन ने पिछले दिनों में यह ऐलान किया था कि वह दलाई लामा के उत्तराधिकारी के नाम की घोषणा करेगा और कहा कि इसका जोरदार विरोध किया जाना चाहिए ताकि यह संदेश जाए कि तिब्बती और बौद्ध अन्यत्र अपने धार्मिक और आध्यात्मिक मामलों में किसी भी तरह का हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं करेंगे।
इंद्रेश कुमार ने कहा कि उन्होंने तिब्बती मठों और इलाकों का दौरा किया और वहां के लोगों से बातचीत भी की. उन्होंने बताया कि इस दौरान उनके साथ विकासात्मक, धार्मिक और सांस्कृतिक मुद्दों पर चर्चा की गई और उनके सामने आने वाली चुनौतियों को लेकर जागरूक होने की आवश्यकता पर जोर दिया।
धर्मांतरण का मतलब पहचान बदलनाः इंद्रेश कुमार
बौद्धों और सनातनी हिंदुओं से एकजुट रहने और उन्हें बांटने की कोशिशों को नाकाम करने का आह्वान करते हुए आरएसएस के नेता इंद्रेश ने कहा कि ईसाई मिशनरियां भी सेवा और शिक्षा के जरिए लगातार धर्मांतरण करवा रही हैं. उन्होंने कहा कि तिब्बतियों और हिंदुओं को जागरूक किया जाना चाहिए कि धर्मांतरण का मतलब पहचान बदलना है।
उन्होंने कहा कि भारत सरकार की ओर से सीमावर्ती क्षेत्रों के समग्र विकास के लिए कई योजनाएं शुरू की गई हैं और राज्य सरकार को इन क्षेत्रों के तेजी से विकास के लिए केंद्र की ओर से प्रायोजित योजनाओं को लागू करना चाहिए।