अधिकारी आवेदन के संबंध में नहीं दे रहे जानकारी
हैदराबाद। कांग्रेस सरकार के पारदर्शी और जवाबदेहीपूर्ण शासन देने के दावे सवालों के घेरे में आ रहे हैं, क्योंकि विभिन्न विभागों में सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत कई आवेदन लंबित पड़े हैं। अधिकारी लंबित आवेदनों की संख्या के बारे में कुछ नहीं बता रहे हैं, लेकिन पता चला है कि काफी संख्या में आवेदन प्रसंस्करण के लिए लंबित हैं। सूचना प्रौद्योगिकी इलेक्ट्रॉनिक्स एवं संचार विभाग ने सभी विभागों को लंबित आवेदनों का निपटारा करने के निर्देश दिए हैं। विभागाध्यक्षों और जिला कलेक्टरों को ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से प्राप्त सभी आरटीआई आवेदनों का समय पर सत्यापन और निपटान सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।
कई आवेदन अभी भी लंबित
आयकर विभाग ने सभी विभागों को भेजे परिपत्र में कहा कि यह देखा गया है कि कई आवेदन अभी भी लंबित हैं। नामित लोक सूचना अधिकारी और अन्य संबंधित अधिकारियों को नियमित रूप से आरटीआई पोर्टल पर जाने, लंबित आवेदनों की तुरंत समीक्षा करने और उन पर कार्रवाई करने का निर्देश दें। विभाग ने यह भी कहा कि विभाग निर्धारित समय के भीतर आवेदनों का जवाब दें। यह इलेक्ट्रॉनिक मोड के माध्यम से आरटीआई सेवाएं प्रदान करने के लिए सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार किया जा रहा है। इस उद्देश्य के लिए विकसित ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से आरटीआई आवेदन प्रस्तुत और पंजीकृत किए जा रहे हैं।
आवेदनों के निपटान में अत्यधिक देरी
आरटीआई आवेदनों के निपटान में अत्यधिक देरी के अलावा, राज्य सरकार द्वारा सरकारी आदेशों को ऑनलाइन अपलोड करने में विफलता के संबंध में विभिन्न वर्गों द्वारा शिकायतें दर्ज की जा रही हैं। पिछले महीने फोरम फॉर गुड गवर्नेंस ने मुख्य सचिव से राज्य सरकार की वेबसाइट पर सरकारी आदेश अपलोड करने की आवश्यकता पर अपील की थी। वर्तमान में, सरकारी वेबसाइट पर सरकारी कर्मचारियों के लिए छुट्टी की मंजूरी आदि जैसे सभी नियमित सरकारी आदेश मौजूद होते हैं।
सरकारी वेबसाइट पर अपलोड कर दिए जाएं सभी सरकारी आदेश तो…
फोरम फॉर गुड गवर्नेंस के अध्यक्ष पद्मनाभ रेड्डी ने मुख्य सचिव से आग्रह किया था कि यदि सरकार द्वारा जारी सभी सरकारी आदेश सरकारी वेबसाइट पर अपलोड कर दिए जाएं, तो नागरिक समाज, मीडिया और नागरिकों को आरटीआई आवेदन दाखिल करने या सरकारी आदेशों की प्रतियां प्राप्त करने के लिए सचिवालय के संबंधित अनुभागों के चक्कर लगाने से मुक्ति मिल जाएगी। इस बीच, राज्य सरकार ने राजभवन से मंजूरी मिलने के बाद जी चंद्रशेखर रेड्डी को राज्य मुख्य सूचना आयुक्त नियुक्त किया। ऐसी खबरें थीं कि राज्य सरकार ने सूचना आयुक्तों के पदों के लिए मुख्यमंत्री के सीपीआरओ बी अयोध्या रेड्डी समेत आठ लोगों के नाम भेजे थे और उन्हें मंजूरी के लिए राजभवन भेजा गया था। हालांकि, ये नियुक्तियां अभी भी लंबित हैं, जिससे आशंकाएं बढ़ रही हैं।
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