International : अमेरिका में राष्ट्रपति साइन घोटाले पर संसद में घमासान !

By Anuj Kumar | Updated: June 5, 2025 • 12:37 PM

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने क्षमादान देने और अन्य दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करने के लिए पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन द्वारा ‘ऑटोपेन’ का इस्तेमाल किए जाने की जांच करने का बुधवार को आदेश दिया। इसके अलावा अमेरिकी संसद के निचले सदन-प्रतिनिधि सभा में रिपब्लिकन पार्टी के नेताओं ने भी बाइडेन के करीबी सदस्यों से पूछताछ का अनुरोध किया है। ‘ऑटोपेन’ एक यांत्रिक उपकरण है जिसका उपयोग किसी व्यक्ति के प्रामाणिक हस्ताक्षर की नकल करने के लिए किया जाता है और अमेरिका के राष्ट्रपति दशकों से इसका इस्तेमाल कर रहे हैं, लेकिन ट्रंप ने आरोप लगाया है कि बाइडेन की कुछ कार्रवाइयां अमान्य थीं एवं उनके सहयोगियों ने राष्ट्रपति के अधिकार का दुरुपयोग किया ताकि बाइडेन की ‘‘सोचने- समझने की शक्ति कमजोर” होने की बात को छिपाया जा सके।

बाइडेन के हस्ताक्षर का इस्तेमाल हजारों दस्तावेजों पर किया गया

ट्रंप ने एक ज्ञापन में लिखा, ‘‘यह साजिश अमेरिकी इतिहास के सबसे खतरनाक और चिंताजनक घोटालों में से एक है।” उन्होंने कहा, ‘‘अमेरिकी जनता से जानबूझकर यह छिपाया गया कि कार्यकारी शक्ति किसके पास है और बाइडेन के हस्ताक्षर का इस्तेमाल हजारों दस्तावेजों पर किया गया ताकि बड़े नीतिगत बदलाव किए जा सकें।” ट्रंप ने अटॉर्नी जनरल पाम बॉन्डी और अमेरिका के राष्ट्रपति के आधिकारिक आवास एवं कार्यालय ‘व्हाइट हाउस’ के वकील डेविड वॉरिंगटन को इस जांच का जिम्मा सौंपा। इस बीच, अमेरिका की प्रतिनिधि सभा की मुख्य जांच समिति ‘हाउस ओवरसाइट कमेटी’ के अध्यक्ष एवं रिपब्लिकन नेता जेम्स कॉमर ने पूर्व राष्ट्रपति बाइडन के पांच सहयोगियों के साथ साक्षात्कार का अनुरोध किया।

‘व्हाइट हाउस’ के भीतर चल रही गतिविधियों के प्रत्यक्षदर्शी थे

उन्होंने आरोप लगाया कि ये सहयोगी बाइडेन की स्वास्थ्य संबंधी स्थिति को छिपाने की कोशिश में शामिल थे जो ‘‘हमारे देश के इतिहास के सबसे बड़े घोटालों में से एक” है। कॉमर ने एक बयान में कहा, ‘‘ये पांच पूर्व वरिष्ठ सलाहकार पूर्व राष्ट्रपति बाइडन की स्थिति और उनके कार्यकाल में ‘व्हाइट हाउस’ के भीतर चल रही गतिविधियों के प्रत्यक्षदर्शी थे। उन्हें ‘हाउस ओवरसाइट कमेटी’ के सामने पेश होना चाहिए और पूर्व राष्ट्रपति बाइडन की सोचने-समझने की शक्ति के बारे में सच्चाई से जवाब देना चाहिए तथा यह बताना चाहिए कि फैसले कौन ले रहा था।”

‘व्हाइट हाउस’ के वरिष्ठ सलाहकारों माइक डोनिलन और अनीता डन, ‘व्हाइट हाउस’ के पूर्व ‘चीफ ऑफ स्टाफ’ रॉन क्लेन, पूर्व ‘डिप्टी चीफ ऑफ स्टाफ’ ब्रूस रीड और राष्ट्रपति के पूर्व सलाहकार स्टीव रिचेट्टी से साक्षात्कार का अनुरोध किया गया है।  

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