Rupee fall डॉलर के मुकाबले ₹85.90 पर पहुंचा रुपया
Rupee fall का असर बुधवार को फिर देखा गया जब भारतीय रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 29 पैसे गिरकर ₹85.90 पर बंद हुआ। यह गिरावट वैश्विक आर्थिक दबाव, विदेशी निवेशकों की बिकवाली और कच्चे तेल की ऊंची कीमतों के कारण आई।
क्या हैं Rupee fall के कारण?
रुपए में गिरावट के पीछे कई प्रमुख कारक हैं:
- विदेशी निवेश की निकासी: विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) ने भारतीय मार्केट से पैसा निकालना शुरू कर दिया है।
- तेल की ऊंची कीमतें: कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमतें बढ़ने से भारत का आयात महंगा हो गया, जिससे डॉलर की मांग बढ़ी।
- भूराजनीतिक तनाव: वैश्विक स्तर पर बढ़ते तनावों ने निवेशकों में अनिश्चितता पैदा की है।
बाजार पर क्या पड़ा असर?
हालांकि Rupee fall के कारण मुद्रा बाज़ार में दबाव बना रहा, लेकिन शेयर बाजार हरे निशान में बंद हुआ। बीएसई और एनएसई दोनों में अच्छी तेजी देखी गई, जिससे निवेशकों को ₹2 लाख करोड़ का फायदा हुआ।
आगे क्या हो सकता है?
- यदि वैश्विक अस्थिरता जारी रही तो रुपए में गिरावट का सिलसिला आगे भी बढ़ सकता है।
- आने वाली RBI मौद्रिक नीति की बैठक में लिए गए फैसले रुपये की चाल को प्रभावित करेंगे।
- आयातकों और यात्रियों के लिए डॉलर महंगा होना चिंता का विषय हो सकता है।
निवेशकों के लिए सलाह
- डॉलर में निवेश करने वालों के लिए यह अवसर हो सकता है।
- आयात से जुड़ी कंपनियों के शेयरों में सतर्कता जरूरी है।
- अगर Rupee fall जारी रहा तो मुद्रास्फीति पर असर पड़ सकता है।
रुपए में गिरावट भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए चिंता का विषय बन रहा है। निवेशकों और नीति निर्माताओं को आने वाले समय में सतर्क रहना होगा ताकि रुपये में स्थिरता लाई जा सके।