Russia ने बनाया नया प्लेटफॉर्म, वॉट्सएप और टेलीग्राम को देगा टक्कर

By Anuj Kumar | Updated: June 13, 2025 • 12:52 PM

मास्को । एक देश वॉट्सएप और टेलीग्राम के यूज पर रोक लगाने जा रहा है। ये रूस है। रूस जल्द ही एक सरकारी मैसेजिंग ऐप लॉन्च करने वाला है, जिसका मकसद वॉट्सएप और टेलीग्राम और एलन मस्क के एक्सचैट जैसे वैश्विक दिग्गजों से मुकाबला करेगा। इस नए प्लेटफॉर्म का नाम वॉल्ट्स एप रखा है और इसे रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के निर्देशन में तैयार किया जा रहा है।

ऐप को देश की निचली संसद ने मंजूरी दे दी है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक ऐप के बारे में कहा जा रहा है कि ये एक सुरक्षित ऑप्‍शन होगा और इससे एक साथ कई काम किए जा सकेंगे। डूमा की सूचना नीति समिति के प्रमुख का कहना है कि यह असुरक्षित विदेशी मैसेंजर की जगह लेगा और रूस की डिजिटल सुरक्षा संरचना में आखिरी बड़ी कमी को पूरा करेगा। मसौदा कानून निचली संसद से पास हो गया है, इसे ऊपरी संसद की मंजूरी और राष्ट्रपति पुतिन के हस्ताक्षर का इंतजार है।

राज्य-नियंत्रित डिजिटल सेवाओं के साथ इंटिग्रेट करना टॉप प्रायोरिटी है

रूस के डिजिटल विकास मंत्री के मुताबिक इस मैसेंजर को राज्य-नियंत्रित डिजिटल सेवाओं के साथ इंटिग्रेट करना टॉप प्रायोरिटी है। उन्होंने जोर देकर कहा कि दूसरे देश इस तरह की संरचना बनाने में रूस से आगे हैं। वॉट्सएप और टेलीग्राम के विपरीत, वॉल्ट्स एप राज्य और नगरपालिका डेटाबेस से गहराई से जुड़ा होगा। रिपोर्ट्स के मुताबिक यह पर्सनल जानकारी के हस्तांतरण, डिजिटल रूप से अनुबंधों पर हस्ताक्षर, वस्तुओं और सेवाओं के भुगतान और यहां तक कि शैक्षिक सेवाओं तक पहुंच की अनुमति देगा। खास बात ये है कि ये सुविधाएं केवल यूजर्स की सहमति से काम करेंगी,

रूस के बाहर के उपयोगकर्ता वॉल्ट्स एप का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे

हालांकि गोपनीयता संबंधी चिंताएं हैं। फिलहाल रूस के बाहर के उपयोगकर्ता वॉल्ट्स एप का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे। रिपोर्ट्स के मुताबिक रूसी सरकार देश में वॉट्सएप और टेलीग्राम को ब्लॉक कर सकती है, जिससे यहां रहने वालों को इस नए प्लेटफॉर्म पर स्विच करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। इससे रूस में ऑनलाइन संचार का तरीका बदल सकता है और अंतरराष्ट्रीय मैसेजिंग सेवाओं तक पहुंच सीमित हो जाएगी। रूस का एक संप्रभु डिजिटल इकोसिस्टम बनाने का प्रयास राज्य के नियंत्रण को बढ़ा सकता है, लेकिन यूजर्स की गोपनीयता और संचार की स्वतंत्रता पर सवाल खड़े करता है। वैश्विक प्रभाव इस बात पर निर्भर करेगा कि ऐप कैसे विकसित होता है और रूस ऐप प्रतिबंधों को कैसे लागू करता है।

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