दुबई । भारतीय टी20 क्रिकेट टीम के उपकप्तान बने शुभमन गिल (Shubhman Gill) का कहना है कि वह सचिन तेंदुलकर और विराट कोहली को अपना आदर्श मानते हैं। शुभमन पिछले कुछ समय में तेजी से अपने करियर में बुलंदियों पर आये हैं।
इंग्लैंड दौरे में शानदार प्रदर्शन
उनकी कप्तानी में टीम ने इंग्लैंड (England) दौरे में हुई टेस्ट सीरीज (Test Series) में शानदार प्रदर्शन किया था। शुभमन को प्रिंस के नाम से भी जाना जाता है और प्रशंसकों को उम्मीद है कि वह भविष्य में किंग कोहली की तरह बनेंगे। टेस्ट में कप्तानी मिलने के बाद से ही उनकी बल्लेबाजी काफी अच्छी हुई है। उन्होंने इंग्लैंड दौरे में 700 से अधिक रन बनाये थे।
सचिन तेंदुलकर से क्रिकेट का जुनून
शुभमन ने कहा, “मेरे दो आदर्श रहे हैं। पहले हैं सचिन तेंदुलकर। वह मेरे पिता के पसंदीदा थे और मैं क्रिकेट में आया भी तो उनकी ही वजह से। वह 2013 में रिटायर हुए और 2011-13 के आसपास मैं क्रिकेट को समझने लगा।”
विराट कोहली से मिली प्रेरणा
वहीं शुभमन ने आगे कहा, “उसी समय मैंने विराट को बारीकी से देखना शुरू कर दिया। वह जिस तरह से अपना काम करते थे, उसे देखना मुझे पसंद आने लगा। खेल के लिए उनका जुनून और भूख मुझे अच्छी लगने लगी। आप सभी कौशल और तकनीक सीख सकते हैं पर भूख ऐसी चीज है जो या तो आपके पास होगी या नहीं होगी। विराट में यह कूट-कूटकर था और इसने मुझे वाकई प्रभावित किया।”
जुनून और भूख का महत्व
शुभमन ने कहा, “प्रतिभा और स्किल एक अलग चीज है पर अगर आपके अंदर भूख और जुनून नहीं है तो इसका कोई अर्थ नहीं है।”
संगीत से मिलती है एकाग्रता
इस युवा क्रिकेटर ने कहा कि संगीत में भी उनकी रुचि रही है। मैचों से पहले शास्त्रीय धुनों को सुनने से उनकी खेल पर एकाग्रता बनी रहती है। शुभमन गिल अभी एशिया कप में खेल रहे हैं। करीब सालभर बाद उनकी टी20 टीम में वापसी हुई है।
शुभमन गिल का बचपन का दोस्त कौन है?
भारत के उप-कप्तान शुभमन गिल अपने बचपन के दोस्त और संयुक्त अरब अमीरात के स्पिनर सिमरनजीत सिंह से फिर मिले। यह मुलाकात बुधवार को दुबई में एशिया कप 2025 के दौरान हुई, जहाँ भारत ने यूएई पर नौ विकेट से बड़ी जीत के साथ अपने अभियान की शुरुआत की।
गिल किस धर्म का है?
‘गिल’ किसी एक धर्म से जुड़ा उपनाम नहीं है, बल्कि यह पंजाब के लोगों के बीच एक सामान्य जाट गोत्र है जो हिंदू और सिख दोनों धर्मों में पाए जाते हैं, और कुछ मुस्लिम भी इस गोत्र से संबंध रखते हैं। इसलिए, ‘गिल’ धर्म से नहीं, बल्कि एक समुदाय और गोत्र से जुड़ा है जो विभिन्न धर्मों के लोगों में मिलता है।
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