अप्रैल की संकष्टी चतुर्थी : जानिए तिथि, शुभ मुहूर्त और अन्य महत्वपूर्ण जानकारी

संकष्टी चतुर्थी

अप्रैल की संकष्टी चतुर्थी वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को होगी. संकष्टी चतुर्थी पर दो शुभ योगों का निर्माण हो रहा है, लेकिन भद्रा भी लग रही है. व्रत में रात के समय चंद्रमा की पूजा करना जरूरी है, इसके बिना व्रत पूरा नहीं होता है.

संकष्टी चतुर्थी 2025 तिथि:

अप्रैल संकष्टी चतुर्थी 2025 तारीख
हिंदू कैलेंडर के अनुसार, वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 16 अप्रैल दिन बुधवार को दोहपर 1 बजकर 16 मिनट से प्रारंभ होगी. इस तिथि का समापन 17 अप्रैल दिन गुरुवार को दोपहर 3 बजकर 23 मिनट पर होगा. ऐसे में उदयातिथि की मान्यता के अनुसार, अप्रैल का संकष्टी चतुर्थी व्रत 16 अप्रैल को रखा जाएगा.

अप्रैल संकष्टी चतुर्थी 2025 मुहूर्त
जो लोग संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखेंगे, वे ब्रह्म मुहूर्त 04:26 ए एम से 05:10 ए एम के बीच स्नान कर लें. उसके बाद व्रत और गणेश जी की पूजा का संकल्प लें. सूर्योदय के बाद विधि विधान से पूजा करें. उस दिन अभिजीत मुहूर्त नहीं है. विजय मुहूर्त 02:30 पी एम से 03:21 पी एम और अमृत काल 06:20 पी एम से 08:06 पी एम तक है.

2 शुभ योग में अप्रैल संकष्टी चतुर्थी 2025
अप्रैल की संकष्टी चतुर्थी के दिन 2 शुभ योग बन रहे हैं. संकष्टी चतुर्थी को पूरे दिन सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत सिद्धि योग बनेंगे. सर्वार्थ सिद्धि योग में आप जो भी कार्य करेंगे, वह सफल सिद्ध होंगे. वैसे ही अमृत सिद्धि योग शुभ कार्यों के लिए अच्छा माना जाता है.

अप्रैल संकष्टी चतुर्थी 2025 चंद्रोदय समय
संकष्टी चतुर्थी को चंद्रमा की पूजा करना अनिवार्य है, तभी आपका व्रत पूर्ण होगा. संकष्टी चतुर्थी को चांद निकलने का समय रात 10:00 बजे है. चांद के निकलने पर दूध, पानी और सफेद फूल से अर्घ्य देना चाहिए.संकष्टी चतुर्थी को भद्रा भी लग रही है. उस दिन भद्रा सुबह में 05 बजकर 55 मिनट से दोपहर 01 बजकर 16 मिनट तक रहेगी

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