संसद का सत्र समाप्त होने के बाद ग्वालियर हुआ आगमन
केंद्रीय संचार एवं उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्री तथा गुना सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया (Scindia) ने आज ग्वालियर (Gwalior) में मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि संसद का सत्र समाप्त होने के बाद उनका ग्वालियर आगमन हुआ है। वे चार दिन के प्रवास पर गुना, शिवपुरी और अशोकनगर जिलों के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करेंगे। ग्रामीण अंचल में बाढ़ से जन-जीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है और हर जगह लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। वे स्वयं प्रत्येक प्रभावित क्षेत्र तक पहुँच रहा हूँ।
चार दिन के प्रवास पर हैं सिंधिया
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने हर कठिन परिस्थिति में आमजन की सहायता के लिए हरसंभव प्रयास किया है। केंद्र सरकार की पहल पर गृह मंत्री एवं रक्षा मंत्री से चर्चा कर, एनडीआरएफ की टीम, सेना और हेलिकॉप्टरों को पहले ही तैनात कर दिया गया था। राहत कार्य भी बड़े पैमाने पर संपन्न हो चुके हैं। सिंधिया ने बताया कि एक दिन का प्रवास उन्होंने मुख्यमंत्री जी के साथ प्रभावित क्षेत्र में किया था और अब तीन दिन का विस्तृत दौरा किया जा रहा है।

हर कार्य की स्थिति पर पल-पल रख रहे नज़र
इसके बाद 24 तारीख को वे दिल्ली लौटेंगे। ग्वालियर के विकास पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि शहर में तेज़ गति से प्रगति हो रही है और योजनाएँ ज़मीनी स्तर पर साकार हो रही हैं। उन्होंने बताया कि वर्षा ऋतु समाप्त होने के बाद ग्वालियर के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम का कार्य भी आरंभ होगा। ₹130 करोड़ का निवेश इस परियोजना में किया जाएगा, जिससे स्टेडियम की क्षमता 40,000 दर्शकों तक बढ़ाई जाएगी। उन्होंने कहा कि ग्वालियर और दिल्ली दोनों जगह से वे स्वयं हर कार्य की स्थिति पर पल-पल नज़र रख रहे हैं।
ज्योतिराज सिंधिया की कितनी बहनें हैं?
राजनीति में सक्रिय नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया की दो बहनें हैं। उनके परिवार का संबंध ग्वालियर राजघराने से है। बहनें अपेक्षाकृत सार्वजनिक जीवन से दूर रहती हैं और ज्योतिरादित्य मुख्य रूप से परिवार की राजनीतिक एवं सामाजिक विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं। उनका परिवार लंबे समय से प्रभावशाली माना जाता है।
माधव के कितने पुत्र एवं पुत्रियां थीं?
ग्वालियर राजघराने के महाराजा माधवराव सिंधिया के केवल एक पुत्र और एक पुत्री थे। पुत्र ज्योतिरादित्य सिंधिया आज राजनीति में सक्रिय हैं, जबकि पुत्री चित्रांगदा सिंह मुख्य रूप से निजी जीवन जी रही हैं। माधवराव का परिवार भारतीय राजनीति और सामाजिक जीवन दोनों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता रहा है।
दौलत राव सिंधिया का इतिहास क्या है?
ग्वालियर के महाराजा दौलतराव सिंधिया का शासन 1794 से 1827 तक रहा। वे महादजी सिंधिया के दत्तक पुत्र थे और मराठा साम्राज्य के महत्वपूर्ण शासकों में गिने जाते हैं। उनके काल में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी से संघर्ष हुए, जिनमें पराजय के कारण ग्वालियर राज्य की शक्ति कमजोर हुई। उनका शासन ऐतिहासिक बदलावों का दौर था।
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