SCO Summit 2025: भारत की कूटनीतिक जीत, SCO साझा बयान में पहलगाम हमले की निंदा

By Vinay | Updated: September 1, 2025 • 11:05 AM

चीन के तियानजिन में 31 अगस्त से 1 सितंबर 2025 तक आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (SCO) समिट में भारत ने आतंकवाद (Terrorinsm) के खिलाफ अपनी मजबूत आवाज को वैश्विक मंच पर गूंजने में सफलता हासिल की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने न केवल आतंकवाद के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया, बल्कि SCO के साझा बयान में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की स्पष्ट निंदा शामिल करवाकर एक बड़ी कूटनीतिक जीत हासिल की। यह कदम पाकिस्तान के लिए करारा जवाब माना जा रहा है, जिसे भारत ने हमले के लिए जिम्मेदार ठहराया है

पहलगाम हमले का जिक्र और भारत का रुख

22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोग मारे गए थे, जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे। भारत ने इस हमले के लिए पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (लश्कर-ए-तैयबा का सहयोगी) को जिम्मेदार ठहराया। समिट में मोदी ने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की मौजूदगी में कहा, “भारत पिछले चार दशकों से आतंकवाद का दंश झेल रहा है।

पहलगाम में हमने इसका घिनौना रूप देखा। यह हमला मानवता में विश्वास रखने वाले हर देश और व्यक्ति के लिए चुनौती था।” उन्होंने आतंकवाद पर दोहरे मापदंड को अस्वीकार्य बताते हुए SCO सदस्यों से एकजुट होकर इसके खिलाफ कार्रवाई की मांग की।

SCO साझा बयान में भारत की जीत

भारत ने SCO के साझा बयान में क्रॉस-बॉर्डर आतंकवाद की कड़ी निंदा और पहलगाम हमले का विशेष उल्लेख सुनिश्चित किया। यह भारत की कूटनीतिक जीत थी, क्योंकि जून में किंगदाओ में SCO रक्षा मंत्रियों की बैठक में पहलगाम हमले का जिक्र न होने पर भारत ने संयुक्त बयान पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया था। विदेश सचिव विक्रम मिश्री ने कहा, “हमने आतंकवाद, विशेष रूप से क्रॉस-बॉर्डर आतंकवाद, के खिलाफ मजबूत निंदा के लिए SCO सदस्यों के साथ काम किया।” इस बार, साझा बयान में आतंकवाद को क्षेत्रीय और वैश्विक चुनौती मानते हुए इसके प्रायोजकों, वित्तपोषकों और आयोजकों को जवाबदेह ठहराने की बात कही गई।

मोदी की त्रिपक्षीय कूटनीति

मोदी ने समिट के दौरान चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ द्विपक्षीय मुलाकातें कीं। शी के साथ 40 मिनट की बैठक में सीमा पर शांति, व्यापार असंतुलन और कैलाश मानसरोवर यात्रा की बहाली पर सहमति बनी। पुतिन के साथ मुलाकात में रूस-भारत रक्षा और व्यापार संबंधों को मजबूती मिली। इन मुलाकातों ने ग्लोबल साउथ की एकता को रेखांकित किया, खासकर अमेरिकी टैरिफ नीतियों के खिलाफ।

पाकिस्तान की असहज स्थिति

पाकिस्तानी पीएम शहबाज शरीफ समिट में अलग-थलग नजर आए। एक वायरल वीडियो में उन्हें मोदी और पुतिन की बातचीत को कोने से देखते देखा गया, जो भारत-पाक तनाव को दर्शाता है। मई में भारत की ‘ऑपरेशन सिंदूर’ कार्रवाई, जिसमें पाकिस्तान और PoK में आतंकी ठिकानों पर हमले किए गए, ने दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ाया था। SCO बयान में पहलगाम हमले की निंदा ने पाकिस्तान पर दबाव बढ़ाया, क्योंकि यह भारत के दावों को वैश्विक मान्यता देता है।

CO का व्यापक एजेंडा

10 सदस्य देशों और 16 पर्यवेक्षक देशों के साथ SCO समिट में क्षेत्रीय सुरक्षा, व्यापार और कनेक्टिविटी पर चर्चा हुई। मोदी ने भारत की नीति को ‘सुरक्षा, कनेक्टिविटी, अवसर’ के तीन स्तंभों पर आधारित बताया। शी जिनपिंग ने वैश्विक शासन में सुधार और ‘बुलिंग’ (अमेरिका का इशारा) के खिलाफ एकजुटता की बात की। समिट में गाजा युद्ध की निंदा भी हुई, जो ग्लोबल साउथ के रुख को दर्शाता

CO समिट 2025 में भारत ने आतंकवाद के खिलाफ अपनी बात को मजबूती से रखा और साझा बयान में पहलगाम हमले की निंदा करवाकर कूटनीतिक जीत हासिल की। यह कदम न केवल पाकिस्तान के लिए करारा जवाब है, बल्कि वैश्विक मंच पर भारत की बढ़ती ताकत को भी दर्शाता है। समिट ने भारत-चीन और भारत-रूस संबंधों को मजबूत करने के साथ ग्लोबल साउथ की एकता को बढ़ावा दिया।

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